मध्य प्रदेश नगर निगम चुनाव रिजल्ट: रीवा पर अब कांग्रेस का कब्जा, 25 साल से बीजेपी का था राज

पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद पहली बार में पार्षदों ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अमीरुल्ला खान को मेयर चुना था. इसके बाद जनता सीधे मेयर का चुनाव करने लगी. इस व्यवस्था के बाद भाजपा ने लगातार जीत दर्ज की और उसके राजेन्द्र ताम्रकार, वीरेंद्र गुप्ता, आशा सिंह, शिवेंद्र पटेल और ममता गुप्ता महापौर चुने गए थे.

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अजय मिश्रा बाबा की विजय यात्रा अजय मिश्रा बाबा की विजय यात्रा

विजय कुमार विश्वकर्मा

  • रीवा,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST
  • आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर रही
  • पहली बार चुना गया ब्राह्मण मेयर

मध्य प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र की राजधानी का गौरव हासिल कर चुकी रीवा के नगर निकाय चुनावों में कांग्रेस ने जबरदस्त जीत दर्ज की है. पार्टी के प्रत्याशी ने महापौर पद पर जीत दर्ज करके नगर सरकार की सत्ता पर 25 साल से काबिज बीजेपी को बेदखल कर दिया है.

ऐसे टूटा 25 साल का तिलिस्म

पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद रीवा की जनता ने पहली बार कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी को जीत का स्वाद चखाया है. कांग्रेस के महापौर (मेयर) प्रत्याशी अजय मिश्रा बाबा ने 10,282 मत से जीत दर्ज की है. कांग्रेस को 47,987 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा के प्रबोध व्यास को 37,705 वोट से संतोष करना पड़ा है. वहीं सिंगरौली में कमाल दिखाने वाली आप को तीसरे स्थान पर रही है और बसपा, सपा सहित अन्य पार्टी के प्रत्याशी चंद वोटों पर ही सिमट गये.

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दरअसल, पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद पहली बार में पार्षदों ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अमीरुल्ला खान को मेयर चुना था. इसके बाद जनता सीधे मेयर का चुनाव करने लगी. इस व्यवस्था के बाद भाजपा ने लगातार जीत दर्ज की और उसके राजेन्द्र ताम्रकार, वीरेंद्र गुप्ता, आशा सिंह, शिवेंद्र पटेल और ममता गुप्ता महापौर चुने गए.

पहली बार चुना गया ब्राह्मण मेयर

भाजपा के 5 बार चुनाव जीतने के दौरान मेयर पद पर वैश्य, क्षत्रिय और पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को ताज मिला. इस बार पहली बार ब्राह्मण प्रत्याशी ने इस पद पर जीत दर्ज की है. इस बार के नगर निकाय चुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में उतारा लेकिन भाजपा के प्रत्याशी प्रबोध व्यास को स्थानीय वोटरों ने ब्राह्मण ही नहीं माना. इस तरह कांग्रेस प्रत्याशी अजय मिश्रा बाबा को जीत हासिल हुई. 

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मुस्लिम वोटरों का मिला साथ

अजय मिश्रा बाबा की जीत में मुस्लिम वोटरों का भी अहम स्थान रहा. मुस्लिम कांग्रेस के परंपरागत वोटर माने जाते है, यहां करीब 20 हजार से अधिक मुस्लिम वोटर्स ने अपने मताधिकार का उपयोग किया और इसमें अधिकांश वोट कांग्रेस को पड़े.

रीवा में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीतने वाले अजय मिश्रा बाबा एक जमीनी कार्यकर्ता हैं. वह अभी नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हैं. मिश्रा पहली बार साल 1999 में वार्ड क्रमांक-17 से पार्षद, दूसरी बार 2009 में वार्ड क्रमांक-19 से और तीसरी बार 2014 में वार्ड क्रमांक-17 से निर्वाचित हुए. वह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं.

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