पिछले कुछ सालों में कैब सर्विस का चलन काफी बढ़ा है. पर ये कैब सर्विस थोड़ी अलग है. अलग इसलिए क्योंकि ये कैब सर्विस इंसानों के लिए नहीं है. आप सोच रहे होंगे कि कैब में अगर लोग नहीं बैठते हैं तो बैठता कौन है. आपको बता दें कि ये 24x7 की कैब सर्विस जानवरों के लिए है.
चेन्नई में रहने वाली 38 साल की कमल बांगेर वैगिंग टेल्स नाम की एक संस्था चलाती हैं जो जानवरों को कैब मुहैया कराती हैं. दूरी और जानवर के आकार के आधार पर कैब की कीमत तय की जाती है. ये सर्विस पूरे चेन्नई में उपलब्ध है. कमल के पास दो कैब हैं और उनका कहना है कि लोगों को ये कोशिश बहुत पसंद भी आ रही है. कमल के साथ जयश्री रमेश भी इस अनूठे प्रयास का हिस्सा है.
इस प्रयास के बारे में पूछने पर जयश्री कहती हैं कि पिछले साल एक रात मैं अपने घर लौट रही थी. सड़क पर एक कुत्ता बेहद खराब हालत में पड़ा हुआ था. उसके शरीर से खून बह रहा था. मुझे उस समय एक साधन तलाशने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी. उसी दिन मुझे लगा कि इन जानवरों के लिए भी कैब सर्विस होनी चाहिए.
ये कोशिश हार्टी पॉज का एक हिस्सा है, जिसकी स्थापना 2014 में हुई थी. इस समूह में 12 औरतें हैं. ये सभी जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ती हैं और जानवरों की सुरक्षा के लिए काम करता है. ये ग्रुप लोगों को जानवरों को गोद लेने के लिए भी प्रेरित करता है.
भूमिका राय