साउथ सुपरस्टार नयनतारा की दमदार एक्टिंग के तो सभी फैन है, लेकिन उनकी खूबसूरती के भी लोग कायल हैं. 41 साल की उम्र में भी उनके चेहरे का नूर हर किसी को अपना मुरीद कर लेता है. बढ़ती उम्र के साथ नयनतारा के चेहरे का ग्लो भी बढ़ रहा है, जिसका सीक्रेट हर फैन जानना चाहता है. उन्होंने एक इंटरव्यू में अपना ब्यूटी सीक्रेट बताया था, जिसकी वजह से उनकी स्किन और बाल दोनों इतने हेल्दी रहते हैं.
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उनका मानना है कि इंसान को वही खाना चाहिए, जो उसके रीजन और सीजन के हिसाब से नेचुरली मौजूद हो. ऐसे फूड्स शरीर के साथ ज्यादा आसानी से एडजस्ट होते हैं और स्किन–हेयर हेल्थ को सपोर्ट करते हैं. नयनतारा कहती हैं कि सीजनल, लोकल और फ्रेश फूड सबसे बेहतर काम करते हैं. वह हाइड्रेशन को भी ब्यूटी का यूनिवर्सल नियम मानती हैं, चाहे कोई भी जगह या मौसम हो.
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आजकल की बिजी लाइफ में लोग विदेशी चीजों पर ज्यादा निर्भर रहने लगे हैं, लेकिन अपनी जलवायु में उगने वाली चीजें जैसे नारियल, करी पत्ता, तिल, छाछ, केला, बाजरा को अनदेखा कर रहे हैं. जबकि यह सभी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और इन्हें खाने से हमारे शरीर को सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं. अगर आप बढ़ती उम्र में भी नयनतारा जैसी ग्लोइंग स्किन चाहते हैं तो आपको अभी से अपने खान-पान का खास ध्यान रखने की जरूरत है.
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डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. नवजोत अरोड़ा के अनुसार, इस बात का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि सिर्फ़ रीजनल या नेटिव होने से फूड स्किन के लिए बेहतर बन जाता है. लेकिन साइंस यह जरूर बताती है कि सीजनल, फ्रेश और मिनिमली प्रोसेस्ड फूड स्किन हेल्थ को मजबूत करते हैं. पारंपरिक भारतीय डाइट में ये खूब मिलते हैं, इसलिए वे नेचुरली स्किन के लिए फायदेमंद साबित होती हैं. असली फायदा फूड के नेचुरल न्यूट्रिएंट्स, उसकी फ्रेशनेस और हमारे शरीर की अनुकूलता से मिलता है, न कि केवल उसके लोकल होने से.
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सीजनल फूड अक्सर विटामिन C, पॉलीफिनोल्स और अन्य हीट-सेंसिटिव न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं, क्योंकि इन्हें लंबे समय तक स्टोर नहीं किया जाता. ये न्यूट्रिएंट्स स्किन को सनलाइट, पॉल्यूशन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं. जब फल–सब्जियां अपने सीजन में खाई जाती हैं, तो वे हाई न्यूट्रिएंट लेवल पर होती हैं, जिससे स्किन की रिपेयर क्षमता बढ़ती है. इससे ग्लो, टाइटनेस और नेचुरल हाइड्रेशन बेहतर होता है.
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डॉ. अरोड़ा बताते हैं कि लोकल या पारंपरिक डाइट हमारे गट माइक्रोबायोम के अनुसार बेहतर ढंग से फिट बैठ सकती है. हमारा शरीर उसी खाना-पानी के माहौल में पला है, इसलिए कई बार लोकल खाने को पचाना आसान होता है. बेहतर गट हेल्थ का सीधा प्रभाव स्किन पर पड़ता है, सूजन कम होती है, एक्ने कंट्रोल में रहता है और स्किन की नेचुरल बैरियर स्ट्रेंथ बेहतर होती है.
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खासकर गर्म और नमी वाले इलाकों के सीजनल फूड्स नेचुरली एंटीऑक्सिडेंट, मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर होते हैं. आंवला, संतरा और अमरूद जैसी विटामिन C से भरपूर चीजें कोलाजेन को मजबूत करती हैं. गाजर, आम और हरी पत्तेदार सब्जियों में मौजूद बीटा-कैरोटीन स्किन सेल रीजनरेशन में मदद करता है. नट्स–सीड्स से मिलने वाला विटामिन ई सूजन कम करता है. दालों और बीजों में मौजूद जिंक स्किन रिपेयर और हेयर ग्रोथ के लिए अहम है, यह स्किन को अंदर से मजबूत बनाता है.
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बीटा-कैरोटीन, जिंक, आयरन, विटामिन C और E ये सभी पोषक तत्व पारंपरिक भारतीय डाइट में खूब मिलते हैं और सीधे तौर पर यह सभी हेयर ग्रोथ, स्ट्रेंथ और शाइन को सपोर्ट करते हैं. आम, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, बीज और नारियल ये सब बालों की जड़ों से पोषण करते हैं. एंटीऑक्सिडेंट्स स्कैल्प में सूजन कम करते हैं और हेयर फॉल को कंट्रोल में रखते हैं. पानी वाले फूड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स सिर की ड्राइनेस रोककर बालों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं.
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