राजस्थान: पुष्कर मेले में लग्जरी कारों से भी ज्यादा महंगे घोड़े, खूबसूरती और ताकत बड़ी खासियत

राजस्थान के पुष्कर में रोज करोड़ों रूपये का कारोबार हो रहा है. पुष्कर के प्रसिद्ध मेले में मारवाड़ी और काठियावाड़ी नस्ल के घोडे़ बिकने के लिए बड़ी तादाद में आए हैं. जीत और शमशेर नाम का घोड़ा मेले में चर्चा का विषय बने हुए.

Advertisement
Pushkar Mela Pushkar Mela

aajtak.in

  • पुष्कर,
  • 13 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST
  • घोड़ों में राजघरानों के घोड़ों सी ताकत
  • लग्जरी कारों से भी ज्यादा महंगे घोड़े

मारवाड़ी घोड़ो की ताकत, रफ्तार और सुन्दरता के साथ-साथ कदकाठी का हर कोई दीवाना है. यही कारण है की राजस्थान के पुष्कर में रोज करोड़ों रूपये का कारोबार हो रहा है. पुष्कर के प्रसिद्ध मेले में मारवाड़ी और काठियावाड़ी नस्ल के घोडे़ बिकने के लिए बड़ी तादाद में आए हैं. जीत और शमशेर नाम का घोड़ा मेले में चर्चा का विषय बने हुए.

Advertisement

ललना गांव से आया जीत घोड़ा अपनी कद काठी से सभी का मन मोह रहा है. वहीं पुष्कर मेले में बेचने के लिए लाया गया शमशेर, रिलायंस के अनिल अंबानी के दाना नाम के घोड़े की नस्ल का है. इन घोड़ो की कीमत ऑडी की अपकमिंग कार ऑडी क्यू-3 से थोड़ी ही कम है, लेकिन इसका मेंटेनेंस यानी एक महीने का खर्च लग्जरी कार BMW और मर्सिडीज से भी ज्यादा है. शमशेर पर उसका मालिक महीने में 40 हजार रुपए से ज्यादा खर्च करता है. शमशेर की एक और खास पहचान है, उसके पिता दाना नाम का घोड़ा  देश के सबसे अमीर उद्योगपति अनिल अंबानी के पास है.

यह है इसकी खुराक

शमशेर की देखभाल कर रहे अनुपम उर्फ बंटी टंडन ने बताया कि आम दिनों में इसे चने की चूरी, जौ का दलिया, चापड़, विटामिन, कैल्शियम, ब्रूटोन, मूंगफली के पत्ते, ज्वार की कुट्टी, बाजरे की कुट्टी खिलाई जाती है. इसके अलावा सर्दी में तिल का कुट्टा, अलसी, तारामीरा, पंजाब का दाना जई और बाजरा भी खिलाया जाता है. ऐसी देशी डाइट से ही इसमें ताकत आती है.

Advertisement

खूबसूरती और ताकतवर होने के कारण ज्यादा डिमांड 

अनुपम उर्फ बंटी टंडन ने बताते हैं कि खुराक अच्छी होने के कारण खर्चा भी ज्यादा होता है, लेकिन खूबसूरती और ताकत के कारण पंजाब और हरियाणा में इन घोड़ों की खास डिमांड रहती है. मारवाड़ी घोडे़ का उपयोग राजा-महाराजा युद्ध के समय करते थे, इसलिए कहा जाता है कि इन घोड़ों के शरीर में राजघराने का लहू दौड़ता है. मारवाड़ी नस्ल के घोड़े राजस्थान के मारवाड़ में पाए जाते हैं. यही इनकी जन्मस्थली भी है. इसी प्रकार जीत नामक घोड़े को देख रहे मोहन सिंह शेखावत ने बताया कि जीत नागौर,जोधपुर मेले में विनर रह चुका है. वह सुंदरता और स्वामी भक्ति के लिए पहचाना जाता है. जब राजा महाराजाओं के पास खाने के लाले पड़े तब भी राजस्थान के महाराजों ने इन घोड़ो की नस्ल को बचाकर रखा, जिसकी वजह से आज ये घोड़े पूरे विश्व मे प्रसिद्ध ओर महंगे हैं.  
 
मारवाड़ी घोड़ों की लंबाई 130 से 140 सेमी. और ऊंचाई 152 से 160 सेमी. होती है. 22 सेमी. के चौड़े फेस वाले ये घोड़े काफी ताकतवर होते हैं. महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक भी मारवाड़ी नस्ल का बताया जाता है.. पुलिस और सेना के साथ खेल प्रतियोगिताओं में भी इसी नस्ल के घोड़ों का चलन है. इन घोड़ों की कीमत भी ज्यादा होती है और यह भारत में सबसे अव्वल दर्जे के घोड़े होते हैं.

Advertisement

अंबानी के पसंदीदा घोड़े दाना का बेटा है शमशेर

अनुपम उर्फ बंटी टंडन का दावा है कि जाने माने उद्योगपति अनिल अंबानी के पास जो दाना नाम का घोड़ा है वो मारवाड़ी नस्ल का है. शमशेर दाना और अल्फा का ही बेटा है. अंबानी ने इसे पंजाब के बोलू बाबा से खरीदा था. दाना आज अंबानी की अस्तबल में है.

यह है खासियत

पशु विशेषज्ञ डॉ. नवीन परिहार बताते हैं मारवाड़ी और काठियावाड़ी शुद्ध नस्ल के घोडे़ होते हैं. इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य घोड़ों के मुकाबले ज्यादा होती है. यह मौसम बदलाव के साथ भी बीमार कम पड़ते हैं. यही वजह है कि ये कई विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को ढाल लेते हैं.

महंगा रेट, लेकिन बेचेंगे नहीं

पशु मेले में एक डेढ़ करोड़ रुपए और पचास लाख की कीमत के घोडे़ भी आए. जीत नाम के घोडे़ की कीमत डेढ़ करोड़ और गजराज नाम के घोडे़ की कीमत पचास लाख रुपए बताई जा रही है, लेकिन मालिकों ने इनको बेचने के लिए इनकार कर दिया है.

(इनपुट- दिनेश पाराशर)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement