आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिल्ली-एनसीआर के लिए जारी की गई गाइडलाइन को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने देशव्यापी स्तर पर लागू करने की मांग की है. पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को हर शहर और कस्बे में लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों को पकड़ना और उन्हें डॉग शेल्टर होम में रखना मुश्किल काम नहीं है.
सिर्फ सरकारी जमीन की जरूरत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस काम के लिए किसी भी कस्बे को सिर्फ शहर के बाहरी इलाके में सरकारी या नगरपालिका की जमीन की जरूरत होती है. जमीन को समतल करके उस पर बाड़ लगा दी जाती है और कुत्तों को बंद जगह में रखा जाता है. उन्होंने कहा कि बेशक, उन कुत्तों के लिए भोजन और पानी का इंतजाम किया जाना चाहिए.
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चिदंबरम ने कहा कि आवारा कुत्तों के लिए भोजन और पानी मुहैया कराने के किफायती तरीके मौजूद हैं. उन तरीकों पर समय रहते विचार किया जा सकता है, लेकिन पहला काम आवारा कुत्तों को पकड़ना और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखना है. चिदंबरम ने कहा कि सड़कें सभी लोगों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुरक्षित होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए सख्त निर्देश
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने दिल्ली-NCR में कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार, NDMC और MCD को तत्काल सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट करने के निर्देश भी दिए गए हैं. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की भावनाओं को जगह नहीं दी जाएगी क्योंकि आम लोगों की सुरक्षा सबसे अहम है.
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह फैसला न सिर्फ दिल्ली बल्कि गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में भी लागू होगा और अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे सड़कों को आवारा कुत्तों से मुक्त बनाएं. कोर्ट ने कहा कि बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है, ताकि वे बगैर किसी डर के सड़कों और पार्कों में जा सकें.
पकड़े गए आवारा कुत्तों को छोड़ा न जाए
पहले प्रशासन आवारा कुत्तों की नसबंदी कर उन्हें दोबारा उसी इलाके में छोड़ देता था. लेकिन अब कोर्ट ने साफ किया है कि पकड़े गए कुत्तों को किसी भी हाल में वापस उसी इलाके में नहीं छोड़ा जाएगा. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आठ हफ्ते के भीतर पांच हजार डॉग शेल्टर होम बनाने के भी निर्देश दिए हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉग शेल्टर्स में कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए कर्मचारी होने चाहिए और अधिकारियों को इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही आने वाले वक्त में जरूरत के हिसाब से डॉग शेल्टर्स की संख्या बढ़ाने को भी कहा गया है.
दिल्ली सरकार ने किया स्वागत
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का काम समयबद्ध तरीके से पूरा होगा और सरकार सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन करेगी. उन्होंने कहा कि यह फैसला दिल्ली को रेबीज और आवारा पशुओं के डर से मुक्त करने का रास्ता साफ करेगा.
कपिल मिश्रा ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का पशु विभाग सभी एजेंसियों के साथ मिलकर इस आदेश की स्टडी करेगा और इसके सही क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ेगा.'
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