महाकाल की नगरी उज्जैन में सजा आजतक की धर्म संसद का मंच, CM मोहन यादव समेत ये साधु-संत करेंगे शिरकत

महाकाल की नगरी उज्जैन में आज तक की धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है. इस अनूठे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत कई साधु-संत शिरकत करेंगे जो भगवान शिव की महिमा और उज्जैन की सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा करेंगे. इस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह साढ़े 11 बजे प्रसिद्ध गायिका स्वाति मिश्रा के सत्र से हो गई है.

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आजतक की धर्म संसद में प्रस्तुति देतीं गायिका स्वाति मिश्रा. (Photo: Screengrab) आजतक की धर्म संसद में प्रस्तुति देतीं गायिका स्वाति मिश्रा. (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • उज्जैन,
  • 21 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

महाकाल की नगरी उज्जैन में आज तक की धर्म संसद का मंच सज चुका है, जहां राजनीतिक दिग्गज समेत तमाम हस्तियां शिरकत करेंगी. धर्म संसद सुबह साढ़े 11 बजे से शुरू होकर साम साढ़े 6 बजे तक चलेगी, जिसमें भक्ति, संगीत और आध्यात्मिक चर्चाओं का अनूठा संगम देखने को मिलेगा. धर्म संसद में देश के प्रसिद्ध गायक, विद्वान, संत और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे जो भगवान शिव की महिमा और उज्जैन की सांस्कृतिक विरासत को रेखांकित करेंगे.

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धर्म संसद की शुरुआत प्रसिद्ध गायिका स्वाति मिश्रा के सत्र से हुई, जहां उन्होंने अपनी मधुर आवाज से भगवान शिव के भजनों की प्रस्तुत से लोगों का मन मोह लिया.

इसके बाद महाकाल मंदिर के वरिष्ठ पुजारी महेश पुजारी और रमन त्रिवेदी ने धर्म संसद में भाग लिया, जहां उन्होंने महाकाल की महिमा और पूजा-अर्चना के महत्व पर चर्चा की.

इस सेशन के बाद प्रसिद्ध गायिका अभिलिप्सा पांडा अपने भक्ति भजनों के माध्यम से श्रोताओं को शिव भक्ति में लीन दिया. इस सेशल में अभिलिप्सा ने शशि शर्मा के साथ कई मुद्दों पर अपने विचार भी साझा किए.

13:00 से 13:30 बजे: शिव शंभू कैलाश

मध्य प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी धर्म संसद में शिरकत करेंगे. उनका सेशन दोपहर एक बजे से शुरू होना था, लेकिन कई कारणों के चलते ये सेशन अभी शुरू नहीं हुआ है. कुछ देर में ये इस शुरू होगा, जहां बीजेपी नेता भगवान शिव के कैलाश से जुड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे.

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14:00 से 15:00 बजे: महाकाल के मोहन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस सत्र में मुख्य वक्ता होंगे. वे महाकाल की महिमा और उज्जैन के आध्यात्मिक महत्व पर अपने विचार साझा करेंगे. आज तक की वरिष्ठ एंकर स्वेता सिंह इस सत्र का संचालन करेंगी.

15:00 से 15:30 बजे: महाकाल की महिमा

इस सत्र में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पूर्व कुलपति प्रो. प्रशांत पौराणिक, पुरातत्व विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. रमन सोलंकी, पूर्व कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा, वरिष्ठ पुरातत्वविद् डॉ. आर.सी. ठाकुर, और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. भगवती लाल राजपुरोहित महाकाल मंदिर और उज्जैन के ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व पर चर्चा करेंगे. इस सत्र का संचालन शशि शर्मा करेंगी.

15:30 से 16:00 बजे: शिव ही सत्य है

इस सत्र में अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, श्री कल्कि धाम, संभल के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम और जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतेंद्रानंद गिरी जी महाराज भगवान शिव के दार्शनिक और आध्यात्मिक महत्व पर अपने विचार रखेंगे. इस सत्र का संचालन स्वेता सिंह करेंगी.

16:00 से 16:30 बजे: शिव तांडव

धर्म गुरु कालीपुत्र कालीचरण महाराज इस सत्र में शिव तांडव की महिमा और इसके आध्यात्मिक महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे.

16:30 से 17:00 बजे: नगरी हो उज्जैन जैसी

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उज्जैन के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अनिल सिंह कुशवाहा, मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की अतिरिक्त प्रबंध निदेशक बिदिशा मुखर्जी और उज्जैन विकास प्राधिकरण व महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी उज्जैन की सांस्कृतिक और पर्यटकीय विशेषताओं पर चर्चा करेंगे. सत्र का संचालन सईद अंसारी करेंगे.

17:00 से 17:30 बजे: नमो नमो शंकरा

महानिर्वाणी अखाड़ा, उज्जैन के महंत विनीत गिरी महाराज, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद गिरी महाराज, और स्वास्तिक पीठाधीश्वर स्वामी डॉ. अवधेश पुरी जी महाराज इस सत्र में भगवान शंकर की भक्ति और उनके महत्व पर विचार साझा करेंगे. शशि शर्मा इस सत्र का संचालन करेंगी.

17:30 से 18:30 बजे: शिव शंकर डमरू वाले

प्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लखा अपने भक्ति भजनों से इस समापन सत्र में श्रोताओं को भगवान शिव की भक्ति में डुबोएंगे.

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