सिर्फ गेहूं-चावल न उगाएं किसान, बाजार के मुताबिक उत्पादन जरूरीः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा किसान सिर्फ गेहूं और चावल तक सीमित न रहकर, दुनिया में जो आवश्यकता है, उसका उत्पादन करके बेचे. हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम कर रहे हैं.

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पीएम मोदी का लोकसभा में संबोधन (फोटो- लोकसभा टीवी) पीएम मोदी का लोकसभा में संबोधन (फोटो- लोकसभा टीवी)

अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली ,
  • 10 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:54 PM IST
  • पीएम मोदी ने किसानों को लेकर दिया बड़ा बयान
  • किसानों से कहा कि बाजार के मुताबिक उत्पादन जरूरी

पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में खेती-किसानी के मसले पर बोलते हुए कहा कि हमारे यहां एग्रीकल्चर, समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है. हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा किसान सिर्फ गेहूं और चावल तक सीमित न रहकर, दुनिया में जो आवश्यकता है, उसका उत्पादन करके बेचे. हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम कर रहे हैं.

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लोकसभा में पीएम ने कहा कि आजादी के बाद हमारे देश में 28 प्रतिशत खेती करने वाले मजदूर थे. 10 साल पहले जो जनगणना हुई तो ये संख्या 55 प्रतिशत हो गई. ये चिंता का विषय होना चाहिए. हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है. 

पीएम मोदी ने कहा कि इस देश के छोटे किसान को कुछ पैसे मिले इसकी किसी भी किसान संगठन ने मांग नहीं की थी. लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत उनको हमने सामने से धन देना शुरू किया. नए कृषि कानूनों पर पीएम ने कहा कि कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ. इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है. 

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पीएम मोदी ने इन कानूनों को लेकर कहा कि "मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों? दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया." पीएम ने कहा कि देश का सामर्थ्य बढ़ाने में सभी का सामूहिक योगदान है. जब सभी देशवासियों का पसीना लगता है, तभी देश आगे बढ़ता है. 

सदन में पीएम मोदी ने कहा कि देश के लिए पब्लिक सेक्टर जरूरी है तो प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है. आज मानवता के काम देश आ रहा है तो इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी बहुत बड़ा योगदान है. 

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