'पिछली घटनाओं से कुछ नहीं सीखा, एजेंसी का फेलियर', रामनवमी हिंसा पर जमीयत प्रमुख मदनी

मौलाना मदनी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि रामनवमी के अवसर पर जो हिंसा हुई, ये केंद्र सरकार और एजेंसी का फेलियर रहा. इस समय केंद्र और राज्य सरकार को आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए, ये नहीं देखना चाहिए कि कोई कौन से धर्म का है.

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जमीयत प्रमुख मौलाना मदनी जमीयत प्रमुख मौलाना मदनी

अमित भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 9:05 PM IST

रामनवमी के अवसर पर शोभायात्रा के दौरान बड़े स्तर पर हिंसा हुई. इस हिंसा के लिए जमीयत उलेमा ए हिंद के चीफ मौलाना मदनी ने केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों को जिम्मेदार बता दिया है. जोर देकर कहा गया है कि पिछले सालों में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं, इसी समय हुई थीं, लेकिन कोई सबक नहीं लिया गया. मदनी ने ये भी साफ कहा कि हर त्योहार का मतलब खुशियां बांटना रहता है, लेकिन यहां अलग ही स्थिति बन जाती है.

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मौलाना मदनी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि रामनवमी के अवसर पर जो हिंसा हुई, ये केंद्र सरकार और एजेंसी का फेलियर रहा. इस समय केंद्र और राज्य सरकार को आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए, ये नहीं देखना चाहिए कि कोई कौन से धर्म का है. मदनी ने इस बात का भी जिक्र किया कि पुराने अनुभवों को देखते हुए कानून व्यवस्था ऐसे समय ज्यादा सख्त रहनी भी चाहिए. वहीं हिंसा से जो भी प्रभावित हुए हैं, उन्हें भी हर्जाना मिलना चाहिए. मदनी के मुताबिक साल 1979 में जब जमेशदपुर में रामनवमी के मौके पर दंगा हुआ था, उसके बाद से हर साल ये एक पैटर्न बन गया. लगातार ऐसी खबरें आती रहीं, लोग प्रभावित होते रहे.

मदनी ने ये आरोप भी लगाया कि अभी भी ऐसी हिंसा के बाद एकतरफा गिरफ्तारी की जा रहा ही हैं. यहां तक कहा गया कि असल आरोपियों को अभी पकड़ा नहीं जा रहा है. वैसे अपने बयान में मदनी ने साफ कहा कि हर धार्मिक त्योहार का मतलब खुशियां बांटना रहता है. उन्होंने मांग की कि सरकार हिंसा के असल कारण को समझे और उसी को देखते हुए कदम उठाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर ना हों. अभी के लिए बंगाल, बिहार में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. कुछ जगहों पर धारा 144 भी लागू है और इंटरनेट भी सस्पेंड चल रहा है.

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