'क्या आप मुझे नैतिकता सिखाएंगे?', लोकसभा में अमित शाह और केसी वेणुगोपाल के बीच तीखी बहस

संसद में बुधवार को तीखी नोकझोंक तब देखने को मिली, जब कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर व्यक्तिगत हमला बोलते हुए 2010 के सोहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले का जिक्र किया. अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें फ़र्ज़ी केस में फंसाया गया था, तब उन्होंने तुरंत इस्तीफ़ा दे दिया था और बरी होने से पहले कोई संवैधानिक पद नहीं संभाला था.

Advertisement
अमित शाह और केसी वेणुगोपाल के बीच लोकसभा में तीखी बहस हुई (Photo: PTI) अमित शाह और केसी वेणुगोपाल के बीच लोकसभा में तीखी बहस हुई (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:27 PM IST

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के बीच बुधवार को लोकसभा में जोरदार जुबानी जंग देखने को मिली. मामला उस समय गरमा गया, जब केंद्र सरकार ने तीन बिल पेश किए, जिनमें प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री किसी गंभीर मामले में 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा.

केसी वेणुगोपाल का वार

संसद में राजनीतिक पारा चढ़ने के साथ ही केसी वेणुगोपाल ने अमित शाह पर निजी हमला बोला और 2010 के सोहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में उनकी गिरफ़्तारी का ज़िक्र किया. वेणुगोपाल ने पूछा कि जब अमित शाह गुजरात के गृहमंत्री थे, तब उन्हें गिरफ़्तार किया गया था. क्या उस समय उन्होंने नैतिकता का पालन किया था? इसके बाद सदन में हंगामा मच गया.

Advertisement

अमित शाह का पलटवार 

इस पर अमित शाह ने तुरंत पलटवार किया. उन्होंने गरजते हुए कहा कि एक फ़र्ज़ी मामले में फंसाए जाने के बावजूद मैंने इस्तीफ़ा दे दिया था और बरी होने से पहले मैंने कोई संवैधानिक पद नहीं संभाला था. उन्होंने वेणुगोपाल से पूछा कि- आप मुझे नैतिकता सिखाएंगे? जिस पर एनडीए नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. 

बता दें कि अमित शाह ने 2010 में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह तीन महीने जेल में रहे और बाद में जमानत पर बाहर आए. 2014 में सीबीआई की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया.

विपक्ष का हंगामा, बिल फाड़कर फेंका

दरअसल, अमित शाह लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) बिल, केंद्र शासित प्रदेश शासन (संशोधन) बिल और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल को संयुक्त समिति को भेजने की बात कर रहे थे, तभी विपक्षी सांसद वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने बिल की प्रतियां फाड़कर अमित शाह की ओर फेंक दीं. हालांकि बाद में उन्होंने इससे इनकार किया.

Advertisement

ओवैसी बोले- देश को 'पुलिस स्टेट' बनाने की कोशिश

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार देश को पुलिस स्टेट में बदलने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि ये एजेंसियों को जज और जल्लाद बनने की छूट देगा. ये चुनी हुई सरकारों पर हमला है. ओवैसी ने इसकी तुलना हिटलर की गुप्तचर एजेंसी ‘गेस्टापो’ से की. वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी बिलों को संविधान की बुनियादी संरचना पर हमला बताया. उन्होंने चेतावनी दी कि यह कानून एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग को और बढ़ावा देगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement