J-K: जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले सुरिंदर कुमार चौधरी कौन हैं?

सुरिंदर चौधरी ने बीजेपी नेता रविंदर रैना को बड़े अंतर से हराया है. चौधरी को 35,069 वोट मिले, जबकि रैना को केवल 27,250 वोट मिले. ऐसे में बीजेपी नेता को 7,819 वोटों का नुकसान हुआ और वो चुनाव हार गए.

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जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में नई शुरुआत हो चुकी है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. पूरे 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर को नया मुख्यमंत्री मिल गया है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर की नई अब्दुल्ला कैबिनेट में विधायक मंत्रियों ने भी शपथ ले ली. हालांकि, कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनका कोई भी विधायक आज कैबिनेट की शपथ नहीं लेगा. वहीं, सुरिंदर चौधरी जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री बने हैं.

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सुरिंदर चौधरी ने बीजेपी नेता रविंदर रैना को बड़े अंतर से हराया है. चौधरी को 35,069 वोट मिले, जबकि रैना को केवल 27,250 वोट मिले. ऐसे में बीजेपी नेता को 7,819 वोटों का नुकसान हुआ और वो चुनाव हार गए.

कौन हैं सुरिंदर चौधरी?

सुरिंदर चौधरी, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) से जुड़े एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. 2024 के विधानसभा चुनावों में उनकी जीत पिछले चुनावों में हार का सामना करने के बाद वापसी का इशारा है. साल 2014 में हुए पिछले चुनाव में सुरिंदर को रविंदर रैना के खिलाफ 27,871 वोट (36.92%) मिले थे और बीजेपी नेता ने 9,503 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. चौधरी की जीत जम्मू और कश्मीर की सियासी तस्वीर में बदलाव की तरफ इशारा करती है और इस इलाके में बीजेपी के प्रभाव पर सवाल खड़ा करती है.

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बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आज भले ही सुरिंदर कुमार चौधरी को लोग नहीं जानते हैं लेकिन जल्द ही लोग उन्हें जानने लगेंगे. 

यह भी पढ़ें: Jammu and Kashmir New Cabinet: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के पहले CM बने उमर अब्दुल्ला, 5 मंत्रियों ने भी ली शपथ

कांग्रेस का कोई मंत्री नहीं

उमर अब्दुल्ला मंत्रिमंडल के शपथग्रहण में कांग्रेस के किसी विधायक ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली. इसके पीछे मंत्री पद को लेकर खींचतान को वजह बताया जा रहा है. कांग्रेस दो मंत्री पद मांग रही थी जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस एक देने को तैयार थी. उमर मंत्रिमंडल में पहले सीएम समेत 10 मंत्रियों के शपथ लेने की खबर थी लेकिन बाद में पांच प्लस एक के फॉर्मूले के साथ सरकार का गठन हुआ.

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