स्वाति मालीवाल केसः दिल्ली हाईकोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका पर पुलिस को भेजा नोटिस

बिभव ने अपनी याचिका में इसे आपराधिक मशीनरी के दुरुपयोग और छलपूर्ण जांच का मामला बताया है, क्योंकि बिभव और स्वाति मालीवाल दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, बिभव ने अपनी याचिका में कहा कि सिर्फ स्वाति मालीवाल के मामले की जांच की जा रही है, क्योंकि वह प्रभावशाली हैं और राज्यसभा सांसद हैं.

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बिभव कुमार और स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो) बिभव कुमार और स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो)

सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:02 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जिसमें उन पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है. बता दें कि बिभव कुमार ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था. दिल्ली की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मई के महीन में बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. बिभव कुमार पर 13 मई को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री के आवास पर स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप लगा था.

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अपनी जमानत याचिका में बिभव कुमार ने कहा है कि उन्हें पहले ही अनुचित कारावास की सजा दी जा चुकी है और अब तक वे 25 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं. जमानत याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्वाति मालीवाल की कथित चोटों को एमएलसी रिपोर्ट द्वारा झूठा साबित किया गया है, जो उनके बयान की पुष्टि नहीं करती है.

बिभव ने अपनी याचिका में इसे आपराधिक मशीनरी के दुरुपयोग और छलपूर्ण जांच का मामला बताया है, क्योंकि बिभव और स्वाति मालीवाल दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, बिभव ने अपनी याचिका में कहा कि सिर्फ स्वाति मालीवाल के मामले की जांच की जा रही है, क्योंकि वह प्रभावशाली हैं और राज्यसभा सांसद हैं. 

याचिका में दावा किया गया है कि बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल द्वारा किए गए उल्लंघन के बारे में शिकायत दी थी, इस पर कोई जांच नहीं की जा रही है, CCTV में स्वाति मालीवाल के मौजूद रहने के दौरान पूरे समय स्वाति की ओर से ही धमकियां दी गईं. दूसरी ओर पूरा स्टाफ उनसे सम्मानपूर्वक अनुरोध कर रहा था कि वे परिसर छोड़ दें.याचिका में कहा गया है कि बिभव कुमार को झूठे मामलों में फंसाने को लेकर गंभीर परिणाम भुगतने तक की धमकी दी गई और एफआईआर में शिकायतकर्ता की नापाक मंशा भी प्रतीत होती है.

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