पति से दूर 4 महीने से कैद में थी बेटी, DCW ने छुड़ाया

एक माता-पिता ने अपनी ही बेटी को चार महीने तक घर में कैद कर रखा था, जिसे डीसीडब्ल्यू ने बचाया और कैद से बाहर निकाला. जानिये क्या थी वजह...

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स्वाति मालिवाल स्वाति मालिवाल

पुनीत शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

दिल्ली महिला आयोग की टीम ने एक शादीशुदा लड़की रजनी (नाम परिवर्तित) को उसके मां-बाप के घर से रेस्क्यू कराया है. रजनी ने अपने मां-पिता की मर्जी के खिलाफ राजा (नाम परिवर्तित) से शादी कर ली थी.

दोनों की जाति अलग होने के कारण रजनी के घर वालों को यह शादी मंजूर नहीं थी. इसके बावदूर रजनी और राजा ने शादी कर ली.

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शादी के करीब 14 महीने बाद रजनी के घर वाले उसे अपने साथ गुड़गांव ले गए और फिर उसे वापस राजा के पास नहीं भेजा. डीसीडब्ल्यू की टीम ने गुड़गांव पुलिस को साथ लेकर रजनी को उसके मायके से रेस्क्यू कराया है.

रजनी ने बताया कि उसका और राजा दोनों का परिवार ग्रामीण दिल्ली में रहता था. दोनों साथ में पढ़ते थे और एक दूसरे को पसंद करते थे. दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. दोनों ने अपने-अपने घरों में अपनी शादी की बात बता दी.

राजा के घर वालों के इस शादी से कोई परेशानी नहीं थी. लेकिन रजनी के घर वाले इन दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं थे. रजनी ने बताया कि एक साल उसने अपने घर वालों को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन वे नहीं माने.

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इसके बाद दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और हरियाणा में रहने लगे. शादी के बाद रजनी का परिवार दिल्ली से गुड़गांव शिफ्ट हो गया.

दोनों 14 महीने तक साथ रहे. इस दौरान रजनी के घर वाले उस पर दवाब बनाते रहे कि वो इस शादी को खत्म करके वापस आ जाए और वो उसकी दूसरी शादी करा देंगे.

लेकिन रजनी इसके लिए तैयार नहीं हुई. शादी के 14 महीने के बाद एक दिन रजनी के घर वाले उसके घर आये और उसे अपने साथ लेकर चले गए. चार महीने तक रजनी के घर वालों ने उसे अपने पास रखा और उसके पति से नहीं मिलने दिया.

रजनी का एक 1 साल का बेटा भी उसके साथ ही रहा. रजनी ने बताया कि जब कभी वह अपने पति के पास जाने के लिए कहती तो उसके घर वाले धमकी देते कि यदि वह उसके पास गई तो वे दोनों को जान से मार देंगे.

इसी डर से रजनी घर से अपने पति के पास नहीं गई. रजनी को उसके घर वाले गांव भी लेकर चले गए और उस पर राजा को तलाक देने का दबाव बनाने लगे. लेकिन रजनी तैयार नहीं हुई.

राजा ने बताया कि वह मदद के लिए दिल्ली पुलिस के पास गया तो दिल्ली पुलिस ने कहा कि गुड़गांव का केस हैं. गुड़गांव पुलिस के पास जाओ.

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एक दिन रजनी को उसकी दादी का फोन मिल गया और उसने अपने पति राजा से कहा कि उसे जल्द से जल्द यहां से लेकर चले जाएं, नहीं तो उसके साथ कुछ भी हो सकता है. राजा को उसके दोस्त ने दिल्ली महिला आयोग के बारे में बताया.

राजा दिल्ली महिला आयोग के ऑफिस पहुंचा और उसने अपनी परेशानी बताई. इसके बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जय हिंद के निर्देश पर आयोग के मोबाइल हेल्पलाइन प्रोग्राम(एमएचएल) की एक टीम गठित की. आयोग की टीम ने गुड़गांव जाकर रजनी को रेस्क्यू कराया और उसे उसके पति से मिलवाया.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कहा कि यदि कोई किसी लड़की या महिला को परेशानी में देखता है तो इसकी सूचना दिल्ली महिला आयोग दें ताकि डीसीडब्ल्यू लोगों के सहयोग से ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सके.

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