RJD Foundation Day: लालू की हुंकार- अयोध्या के बाद मथुरा का नारा क्यों? देश तोड़ा जा रहा

लालू यादव (Lalu Yadav) ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर पार्टी की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

Advertisement
RJD कार्यकर्ताओं से बात करते हुए लालू प्रसाद यादव RJD कार्यकर्ताओं से बात करते हुए लालू प्रसाद यादव

अशोक सिंघल

  • पटना,
  • 05 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST
  • RJD कार्यकर्ताओं को लालू ने संबोधित किया
  • महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार का उठाया मुद्दा

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर पार्टी की ओर से रजत जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. लंबे समय के बाद लालू यादव (Lalu Yadav) ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. तबियत खराब होने के कारण लालू यादव ने दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से पटना में हो रहे रजय जयंती समारोह को संबोधित किया.

Advertisement

आरजेडी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद यादव ने मंडल आंदोलन का जिक्र किया. लालू ने कहा कि समाज के वंचित लोगों को पहली बार हमारी सरकार में बूथ तक जाने का मौका मिला. कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए लालू यादव ने कहा कि हमने कर्पूरी ठाकुर के अरमानों को पूरा किया है, पूरा कर रहे हैं और संघर्ष कर रहे हैं.

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आरजेडी का भविष्य उज्जवल है, मैं पांच-पांच प्रधानमंत्री को देखा और बनाने में सहयोग किया, हमें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया था तो हमने कुछ नहीं बोला, लेकिन नीतीशजी व्याकुल थे, तो उन्हें कहकर शायद कृषि मंत्री बनवा दिया था. उन्होंने कहा कि बिहार आंदोलन के दौरान मेरे मारे जाने की खबर आई, इससे गरीबों को बहुत ताकत दिया. 

'सत्ता के लिए देश को तोड़ा जा रहा है'

Advertisement

आरजेडी कार्यकर्ताओं से लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आज देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इसके साथ ही सामाजिक ताने-बाने को तोड़ा जा रहा है, अयोध्या के बाद मथुरा का नारा दिया जा रहा है, क्या चाहते हैं देश में? सत्ता के लिए देश को तोड़ा जा रहा है, सामाजिक ताना-बाना को मजबूत रखने के लिए आरजेडी कार्यकर्ता काम करें.

केंद्र और बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि कोरोना के साथ महंगाई, बेरोजगारी ने लोगों की कमर तोड़ दी, जहाज-रेल को औने-पौने दाम में बेचा जा रहा है, इतनी गरीबी-इतनी महंगाई अगर हमारी सरकार में होती तो लोग चलना दूभर कर देते, लेकिन आज कोई सुनवाई नहीं है, इसका असर गरीबों पर पड़ रहा है.

'मिट जाएंगे लेकिन टूटने वाले नहीं हैं'

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, मिट जाएंगे लेकिन टूटने वाले नहीं हैं, मेरे राज को जंगलराज बोला जाता था, क्योंकि वो गरीबों का राज था, अरसे से बिहार में रोटी एक तरफ पक रही थी, जब मैंने पलटा तो लोगों को दिक्कत हो गई, तब चिल्लाने लगे कि जंगलराज आ गया, जंगलराज.

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के साथ कोरोना के कारण देश कई साल पीछे चला गया, अब कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है, लोग डर रहे हैं, कोरोना की वजह से देश में जितनी मौत हुई है, उसकी गिनती नहीं की जा सकती है, बिहार के गांव के साथ शहर में लोग बड़ी संख्या में मरे, किसी भी चीज का प्रबंध नहीं किया गया.

Advertisement

नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आज ऐसा कोई दिन नहीं बीतता है, जब बिहार में तीन-चार हत्याएं न होती हो, भ्रष्टाचार चरम पर है, आज हमारा बिहार बहुत पीछे हैं, लाखों-लाख प्रवासी मजदूर हैं, आज भी लाखों लोग दूसरे शहरों में रोजगार के लिए जाते हैं, जब वह लौटने लगे तो आरजेडी कार्यकर्ताओं ने उन्हें घर तक पहुंचाया.

अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि अभी मैं पटना में नहीं हूं, लेकिन हम आएंगे पटना, पटना ही नहीं बिहार के सभी जिलों में जाऊंगा. अपने दोनों बेटों की तारीफ करते हुए लालू यादव ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि तेजस्वी और तेज प्रताप बिहार जैसे राज्य में अपनी नैया पार लगा पाएंगे, लेकिन दोनों आगे बढ़ रहे हैं.

तीन साल बाद कार्यकर्ताओं से बात करेंगे लालू

तीन साल के इंतजार के बाद आरजेडी कार्यकर्ताओं को लालू प्रसाद यादव ने संबोधित किया. इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'वे गरीब, पीड़ित और वंचितों की आवाज हैं, इन वर्गों के अधिकार की रक्षा के लिए उनका जीवन समर्पित है. आप सभी लोग उनके विचारों को समझें और समाज के सभी वर्ग, तबके के उत्थान के लिए संघर्ष करें. आपकी सरकार बनेगी तब सबको सम्मान और अधिकार मिलेगा.'

Advertisement

वहीं, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने हमला बोलते हुए कहा कि लालू प्रसाद अब जेल में रहें या जमानत पर, पार्टी के पोस्टर-बैनर से गायब किए जाएं या उनकी सचित्र वापसी हो, बिहार की राजनीति पर इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. यह दिल बहलाने के लिए एक राजनीतिक दल की आंतरिक कसरत-भर है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement