फैक्ट चेक: कश्मीर में हिंसा का पुराना वीडियो गलत दावे के साथ वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है. वीडियो में कुछ लोगों की भीड़ को  पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ कर तितर-बितर करती नजर आ रही है. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो कश्मीर का ताजा वीडियो है जहां पुलिस ने मुहर्रम का जुलूस निकाल रहे लोगों को खदेड़ा.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
कश्मीर में पुलिस के मुहर्रम जुलूस रोकने का ताजा वीडियो.
सच्चाई
वायरल वीडियो छह साल पुराना है.

अमनप्रीत कौर

  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST

सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में ताजा हालात का दावा करती कई तस्वीरें व वीडियो वायरल हो चुके हैं. इसी बीच एक और वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है. वीडियो में कुछ लोगों की भीड़ को  पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ कर तितर-बितर करती नजर आ रही है. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो कश्मीर का ताजा वीडियो है जहां पुलिस ने मुहर्रम का जुलूस निकाल रहे लोगों को खदेड़ा.

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो करीब छह साल पुराना है.

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक पर वायरल इस वीडियो के साथ उर्दू में कैप्शन लिखा जा रहा है जिसका हिंदी अनुवाद है: 'कश्मीर के ताजा हालात, मुहर्रम के जुलूस को रोकने की कोशिश की गई.' खबर लिखे जाने तक इस वीडियो को करीब 3000 लोख देख चुके थे.

वायरल दावे का सच जानने के लिए जब हमने यूट्यूब पर 'protest on Muharram in Kashmir+AP' लिख कर सर्च किया तो हमें 'AP Archive ' के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिल गया. इस वीडियो के नीचे दी गई जानकारी के साथ हमें एक मेटाडेटा लिंक भी मिला जिसके अनुसार यह वीडियो 13 नवंबर 2013 का है.

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वीडियो के साथ मौजूद जानकारी के अनुसार मुहर्रम के दौरान श्रीनगर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया था. इसके चलते जब कुछ मुसलमानों ने वहां धार्मिक जुलूस निकाला तो पुलिस व अर्धसैनिक बलों ने भीड़ को तितर-करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. हमें इस घटना की पुष्टि करती मीडिया रिपोर्ट भी मिली.

पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल हो रहा वीडियो ताजा नहीं बल्कि साल 2013 का है.

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