बिहार चुनाव के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक फोटो काफी वायरल हो रही है. फोटो किसी चुनावी जनसभा की लगती है जहां जमीन पर कई सारी टूटी कुर्सियां पड़ी हुई हैं. मंच पर लगे बैनर से ऐसा लगता है कि ये सत्ताधारी एनडीए की जनसभा है.
फोटो को बिहार चुनाव के लिए चल रहे प्रचार-प्रसार का बताया जा रहा है. इसके जरिए ये कहने की कोशिश की जा रही है कि इस चुनाव में बीजेपी और एनडीए की हालत खराब है और जनता इनके नेताओं से नाराज है.
फोटो के साथ कैप्शन में एक फेसबुक यूजर ने लिखा है, “बिहार चुनाव के रुझान तो आ गया है मगर चुना आयोग के आशीर्वाद से नतीजा कुछ और ही आयेगा शायद __भाजपाइयों में जो कॉन्फिडेंस दिख रहा है पर जमीनी हकीकत कुछ और है”.
इसी तरह के अलग-अलग कैप्शन के साथ ये तस्वीर काफी वायरल हो रही है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये फोटो है तो बिहार में हुई एनडीए की जनसभा की ही, लेकिन 2020 की है, अभी की नहीं.
कैसे पता की सच्चाई?
फोटो को गूगल लैंस की मदद से सर्च करने पर हमें ये 2020 के कई फेसबुक पोस्ट्स में मिली. यहां इतनी बात तो साफ हो गई कि फोटो का 2025 के बिहार चुनाव से कोई संबंध नहीं हो सकता क्योंकि ये पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.
एक पोस्ट में उस समय बताया गया था कि ये फोटो 26 अक्टूबर 2020 को बिहार की बेलहर विधानसभा क्षेत्र में हुई जेडीयू की जनसभा की है. बेलहर विधानसभा सीट, बांका जिले में आती है. इस जनसभा में भोजपुरी स्टार निरहुआ भी आए थे.
मंच पर लगे बैनर में भी निरहुआ की फोटो देखी जा सकती है. साथ में ‘बेलहर’ और ‘एनडीए प्रत्याशी मनोज यादव’ लिखा भी दिख रहा है.
कीवर्ड्स के जरिये सर्च करने पर हमें इस जनसभा से जुड़ी खबरें भी मिलीं. ईटीवी भारत की 26 अक्टूबर 2020 की खबर में लिखा है कि बेलहर विधानसभा के एनडीए प्रत्याशी मनोज यादव के पक्ष में दिनेश लाल यादव निरहुआ ने चुनाव प्रचार किया था. ये सभा झामा मैदान में हुई थीं. उस समय भी बिहार में विधानसभा चुनाव चल रहे थे.
सोशल मीडिया पर लोगों ने 2020 की इस जनसभा के वीडियो भी शेयर किए थे.
हालांकि, खबरों में इस जनसभा में कुर्सियों के टूटने का जिक्र नहीं है. इस बात की हम पुष्टि नहीं कर सकते कि ये कुर्सियां किसने और क्यों तोड़ीं. लेकिन ये स्पष्ट है कि फोटो पांच साल से ज्यादा पुरानी है जिसे अभी का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है. मनोज यादव, इस सीट से चुनाव जीत गए थे.
हालांकि, चाहे पक्ष हो या विपक्ष, इस बिहार चुनाव में दोनों तरफ के नेताओं को जनता का गुस्सा झेलना पड़ रहा है. इसे लेकर खबरें भी छपी हैं.
अर्जुन डियोडिया