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नेपोटिज्म के आरोप में घिरे जो स्टार्स, कभी आउटसाइडर रहे उनके पिता

aajtak.in
  • 21 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST
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बॉलीवुड में नेपोटिज्म के चलते कई मॉर्डन दौर के सितारे चर्चा में हैं लेकिन इन सभी स्टार्स के पिता एक आउटसाइडर के तौर पर इंडस्ट्री में आए और अपनी जगह बनाने में सफल रहे.


शक्ति कपूर का जन्म दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. उनके पिता कनाट प्लेस में एक टेलर की शॉप चलाते थे.  बॉलीवुड में उन्होंने लंबा संघर्ष किया था. साल 1983 में जब सुनील दत्त जब अपने बेटे संजय दत्त को फिल्म रॉकी में लॉन्च कर  रहे थे, उस दौरान उनकी नजर शक्ति कपूर पर पड़ी थी और उन्होंने शक्ति कपूर को अपनी फिल्म में निगेटिव रोल दिया था. उनकी परफॉर्मेंस को काफी पसंद किया गया और इसके बाद उन्होंने कई कैरेक्टर एक्टर रोल्स के सहारे अपने आपको इंडस्ट्री में स्थापित किया.

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डेविड धवन का जन्म अगरतला में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. धवन के पिता कानपुर में बैंक मैनेजर थे और यही उनकी परवरिश हुई थी. डेविड धवन ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जॉइन किया था क्योंकि वे एक्टर बनना चाहते थे लेकिन सतीश शाह और सुरेश ओबरॉय जैसे सितारों को देखकर उन्हें एहसास हुआ कि वे एक्टिंग के लिए नहीं बने हैं और एडिटिंग ऑप्शन ले लिया. इसके बाद उन्होंने गोविंदा के साथ काफी काम किया और कॉमेडी के सफल डायरेक्टर के तौर पर अपनी पहचान बना चुके हैं.

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अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन मशहूर कवि थे वही उनकी मां तेजी बच्चन सोशल एक्टिविस्ट थीं. अमिताभ को इंडस्ट्री में जबरदस्त संघर्ष करना पड़ा और उनकी शुरुआत की कई फिल्में फ्लॉप रहीं हालांकि अमिताभ 70 के दशक में अपने आपको एंग्री यंग मैन के तौर पर स्थापित करने में कामयाब रहे और उन्हें सदी के महानायक का दर्जा भी हासिल है. अमिताभ की तरह ही अभिषेक बच्चन की भी शुरुआत की कुछ फिल्में फ्लॉप साबित हुई थीं.  

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जैकी श्रॉफ के पिता काका भाई हरिभाई श्रॉफ एक गुजराती थे और उनकी मां कजाकिस्तान की थीं. काकाभाई गुजरात के ट्रेडर्स फैमिली से आते थे लेकिन स्टॉक मार्केट में इस परिवार ने अपना सारा पैसा गंवा दिया था जिसके चलते जैकी का बचपन गरीबी में गुजरा था. जैकी ने 11वीं क्लास में स्कूल छोड़ दिया था क्योंकि उनके परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और उन्होंने काम करना बेहतर समझा. जैकी ने ताज होटल्स में शेफ और एयर इंडिया में फ्लाइट अटेंडेंट बनने की कोशिश भी की लेकिन उन्हें क्वालिफिकेशन्स की वजह से सफलता नहीं मिली. उन्होंने फिर ट्रेवल एजेंट के तौर पर काम करना शुरु किया. एक एड एजेंसी के अकाउंटेंट ने उन्हें बस स्टैंड पर देखा था और जैकी को मॉडलिंग के लिए पूछा था जिसके बाद उनका करियर चल निकला.

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सलीम खान के पिता इंदौर पुलिस में डीआईजी के पद पर कार्यरत थे. वे 9 साल के थे जब उनकी मां गुजर गई थीं.  जब सलीम 14 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. हालांकि वे एक रसूखदार परिवार से आते थे और उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा. सलीम ने बीए तक की पढ़ाई की. वे अपने कॉलेज के दिनों में बेहतरीन क्रिकेट भी खेलते थे. अपने लुक्स के चलते उन्हें लोग कहने लगे कि उन्हें फिल्मों में भाग्य आजमाना चाहिए. सलीम ने कई फिल्मों में बतौर एक्टर काम किया लेकिन दो दर्जन से अधिक फिल्मों में छोटे रोल्स निभाने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि वे एक्टिंग के लिए नहीं बने है. इसके बाद उन्होंने जावेद अख्तर के साथ मिलकर कई सुपरहिट फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी. 

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धर्मेंन्द्र का जन्म पंजाब में हुआ और वे अपने दौर में सबसे ज्यादा गुड लुकिंग एक्टर्स में शुमार रहे. अपने नॉन फिल्मी बैकग्राउंड के चलते धर्मेंन्द्र को शुरुआती दौर में इंडस्ट्री में काफी संघर्ष करना पड़ा हालांकि वे अपने आपको इंडस्ट्री में स्थापित करने में कामयाब रहे. उन्होंने अपने बेटे सनी देओल और बॉबी देओल को भी लॉन्च किया. वही सनी देओल भी अपने बेटे करण देओल को लॉन्च कर चुके हैं.

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मिथुन चक्रवर्ती का जन्म कोलकाता में हुआ था. मिथुन ने कोलकाता से ही केमिस्ट्री में बीएससी की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने एफटीआईआई से ग्रैजुएशन किया. फिल्मों में आने से पहले मिथुन नक्सल मूवमेंट के साथ जुड़े थे लेकिन परिवार में अपने इकलौते भाई को खोने के बाद वे अपने परिवार के पास वापस आ गए. मृणाल सेन की फिल्म के साथ मिथुन ने अपना डेब्यू किया था. साल 1976 में फिल्म मृग्या के साथ मिथुन अपना पहला नेशनल अवॉर्ड जीतने में भी कामयाब रहे.

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चंकी पांडे जब 18 साल के थे तब उन्होंने एक्टर बनने का फैसला किया था. पांच साल के संघर्ष बनने के बाद उन्हें अपनी पहली फिल्म मिली थी. वे फिल्में ना मिलने के चलते कई अलग काम भी करने लगे थे. साल 1986 में एक एक्टिंग स्कूल में इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम किया था. उनकी पहली फिल्म साल 1987 में आई थी. इस फिल्म का नाम आग ही आग था. इसके बाद उन्हें सनी देओल के साथ एक फिल्म ऑफर हुई थी जो हिट साबित हुई लेकिन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में छह साल बिताने के बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों को अलविदा कह दिया था और बांग्लादेशी फिल्मों में भी हाथ आजमाया. वे कुछ सालों बाद एक बार फिर बॉलीवुड लौट आए हैं.

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