Chhapra: RJD प्रत्याशी के समर्थकों ने तोड़ी बैरिकेडिंग, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

बिहार विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. प्रत्याशी हजारों समर्थकों के साथ नामांकन कार्यालय पहुंच रहे हैं. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. छपरा में नामांकन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और धारा 144 का जमकर उल्लंघन होता दिखाई दिया.

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RJD contestant supporter violated Covid 19 and code of conduct Chhapra RJD contestant supporter violated Covid 19 and code of conduct Chhapra

आलोक कुमार जायसवाल

  • छपरा,
  • 14 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST
  • सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं
  • धारा-144 का उल्लघंन भी किया गया
  • RJD समर्थक हुए नियंत्रण से बाहर

बिहार विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. प्रत्याशी हजारों समर्थकों के साथ नामांकन कार्यालय पहुंच रहे हैं. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. छपरा में नामांकन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और धारा 144 का जमकर उल्लंघन होता दिखाई दिया. नामांकन स्थल से 100 मीटर की दूरी की तय सीमा होने के बावजूद छपरा के आरजेडी प्रत्याशी रणधीर सिंह के समर्थकों ने पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए जमकर कोविड-19 के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया. साथ ही 144 का भी उल्लंघन किया. पुलिस हर बार की तरह दर्शक बनकर देखती रही.

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हजारों समर्थकों के साथ नामांकन जुलूस निकाला

वहीं, छपरा सदर सीट से आरजेडी के युवा इकाई के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील राय ने पूरे शहर में हजारों समर्थकों के साथ नामांकन जुलूस निकाला. इस दौरान कहीं भी पुलिस नजर नहीं आई. न ही प्रशासन का कोई अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई करता नजर आया. 

प्रत्याशी के साथ खुद भी खड़े हो गए रिटर्निंग ऑफिसर

रिटर्निंग ऑफिसर मांझी पुष्पेश कुमार ने नामांकन स्वीकार करते समय और शपथ के समय प्रत्याशी के साथ खुद भी खड़े हो गए. जबकि नामांकन का प्रोटोकॉल है कि प्रत्याशी के रूप में कोई भी आए रिटर्निंग अफसर को अपनी कुर्सी से खड़े नहीं होना है.

दुनिया का पहला ऐसा चुनाव

इस बार का बिहार विधानसभा पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला ऐसा चुनाव है जो कोरोना काल में हो रहा है. बिहार में सरकारी आंकड़ों की मानें तो कोरोना के एक्टिव केस में लगातार कमी दिख रही है. पॉजिटिव केस की संख्या में भी कमी दिखाई दे रही है. रिकवरी रेट भी बेहतर होती जा रही है. इस तरह की लापरवाही की तस्वीरों का सामने आना, भविष्य में कही बड़ी समस्या का सबब ना बन जाए.

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