चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल 3 लाख नामों पर संदेह जताते हुए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आयोग के मुताबिक, इन मतदाताओं ने अब तक नागरिकता संबंधी कोई भी वैध दस्तावेज जमा नहीं किया है. यही कारण है कि इनकी नागरिकता संदिग्ध मानी जा रही है.
सूत्रों के अनुसार, ऐसे मतदाता विदेशी नागरिक भी हो सकते हैं. सबसे अधिक नोटिस भेजे गए क्षेत्र किशनगंज, मधुबनी, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, अररिया और सहरसा बताए जा रहे हैं.
यह कदम मतदाता सूची को शुद्ध करने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि केवल पात्र भारतीय नागरिकों को ही मतदान का अधिकार मिले. इन नोटिसों के बाद, इन मतदाताओं को अपनी नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा, अन्यथा उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे.
यह भी पढ़ें: 'घुसपैठियों के नाम हटाने चाहिए या नहीं?' चुनाव आयोग ने SIR पर जनता से पूछे ये पांच सवाल
बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें
आपको बता दें कि बिहार में 24 जून 2025 से 25 जुलाई 2025 तक चल रही निर्वाचक सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के गणना चरण के सफल समापन के बाद1 अगस्त, 2025 को निर्वाचक सूची के प्रारूप का प्रकाशन हुआ था. दावे, आपत्तियां और दस्तावेज जमा करने की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक है.
रोहित कुमार सिंह