संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विसेज परीक्षा 2018 में बिहार के सुमित कुमार ने 53वीं रैंक हासिल की है. आठ साल की उम्र में पढ़ाई के लिए घर छोड़कर गए सुमित कुमार की कहानी सभी के लिए प्रेरणा देने वाली है. aajtak.in से बातचीत में सुमित कुमार ने कहा कि आईएएस बनने के लिए जितना जरूरी प्री और मेन्स परीक्षा को निकालना है, उससे कहीं ज्यादा तैयारी इंटरव्यू की करनी पड़ती है. उन्होंने बताया कि किस स्ट्रेटजी से उन्होंने इंटरव्यू की तैयारी की थी. आइए जानें उनकी स्ट्रेटजी.
सुमित ने कहा कि इंटरव्यू में आपसे यूं ही कोई सवाल नहीं पूछ लिया जाता. ज्यादातर सवाल आपके डीएएफ (Detailed Application Form) से आते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप अपना डीएएफ सही ढंग से भरें. इसमें आप उन्हीं डिटेल्स को भरें जिसके बारे में आपका सामान्य ज्ञान पूरी तरह मजबूत हो. इसके अलावा आपके जिले या क्षेत्र की समस्याओं से संबंधित सवाल भी पूछे जा सकते हैं.
अपने डीएएफ में वो जरूरी प्वाइंट्स हॉबी या अन्य डिटेल में भरें, जिसके बारे में आपको सबसे ज्यादा जानकारी है. वो अपना उदाहरण देते हुए बताते हैं कि उन्हें क्रिकेट काफी पसंद है तो उन्होंने क्रिकेट को अपनी हॉबी में दिया था, जिस पर उनसे सवाल भी पूछा गया. इसके अलावा अगर आपने डीएएफ में जो भी जानकारी दी है, उसकी पूरी तैयारी कर लें.
इंटरव्यू की तैयारी के बारे में वो कहते हैं कि आपके पास ज्ञान होना और उसी के मुताबिक अपने पर्सनैलिटी टेस्ट में प्रदर्शन कर पाना दोनों अलग अलग बाते हैं. इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं तो मॉक इंटरव्यू के अलावा मिरर प्रैक्टिस भी कर सकते हैं. या मोबाइल पर वीडियो बनाकर भी देख सकते हैं कि बॉडी लैंग्वेज में कहां कहां कमी है. अपने दोस्तों से भी इस पर फीडबैक मांग सकते हैं. सुमित कुमार ने इंटरव्यू से संबंधित अन्य टिप्स भी दिए.
उन्होंने बताया कि पहले ये देखिए कि आपसे इंटरव्यू में क्या अपेक्षा की जा रही है. फिर उसी के हिसाब से संतुलित उत्तर देने की प्रैक्टिस कीजिए. आपके सवालों के जवाब में समाज कल्याण की भावना, आपका ज्ञान और नैतिक मूल्य हमेशा दिखने चाहिए.
सुमित कुमार कहते हैं कि अपने उत्तर इस तरह से तैयार करने चाहिए जो स्त्री अस्मिता के पक्ष में हों, इसके अलावा एसएसी, एसटी और हाशिये पर रहने वाले वर्ग के प्रति आपकी संवेदनशील दर्शाएं.
साथ ही, पर्सनैलिटी टेस्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार आपको सामान्य उद्देश्यपूर्ण बातचीत पर ध्यान देना चाहिए. अपने उत्तरों की शुरुआत सतही ज्ञान से करें जो हर किसी के लिए जाना जाता है. इसमें चर्चा के बाद थोड़ा गहराई से आगे बढ़ें, फिर अपने उत्तरों में विश्लेषण प्रकट करें.