UGC NET के बाद JRF कैसे मिलता है? जानिए- यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर-अस‍िस्टेंट प्रोफेसर बनने का पूरा प्रोसेस

विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर या प्रोफेसर या किसी बड़े संस्थान से वैज्ञानिक के तौर पर जुड़कर आप अपना करियर बना सकते हैं. इसके लिए आपको यूजीसी की कई परीक्षाओं के एग्जाम्स के बारे में पूरी डिटेल पता होनी चाहिए. यहां हम आपको केंद्रीय या राज्य के विश्वविद्यालयों में श‍िक्षक बनने की पूरी प्रक्र‍िया बता रहे हैं.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

रविराज वर्मा

  • नई दिल्ली ,
  • 30 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

UGC NET, UGC NET JRF, UGC NET CSIR, SET विश्वविद्यालय में श‍िक्षक बनने के लिए कई तरह के एग्जाम होते हैं. क्या आपको पता है कि किस एग्जाम को देने से क्या फायदा होता है. इन एग्जाम को कौन कराता है और किस एग्जाम को करने से क्या फायदा होता है. ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब हम यहां आपको दे रहे हैं.

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NET और JRF क्या हैं, क्या दोनों के लिए अलग-अलग एग्जाम होते हैं?

नहीं, UGC-NET(JRF) एक ही परीक्षा का नाम है. इसमें NET JRF एग्जाम एक साथ होता है. इसमें जूनियर रिसर्च फेलोश‍िप यानी जेआरएफ उनको मिलता है जो टॉप 10 पर्सेंट वालों को मिलेगा. उसमें मेरिट के हिसाब से सेंट्रल यूनिवर्सिटी या IIT, IIM या इंडिया के किसी इंस्टीट्यूट में फेलोश‍िप मिलेगी.

JRF करने का क्या फायदा है? 

जेआरएफ का फुल फॉर्म जूनियर रिसर्च फेलोश‍िप है, इस परीक्षा में सेलेक्ट होने के बाद किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी या इसके अंतर्गत आने वाले शैक्षण‍िक संस्थानों से रिसर्च पीएचडी कर सकते हैं. इस दौरान पहले दो साल शोधार्थी को 31 हजार रुपये प्रति माह दो सालों तक मिलते हैं. फिर तीसरे साल से ये 35 हजार रुपये मिलने लगते हैं. अभ्यर्थ‍ियों को रिसर्च के लिए 20 हजार सालाना का कंटीजन फंड भी मिलता है. 

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जेआरएफ से पीएचडी करने के बाद करियर का रास्ता क्या होता है? 

जो अभ्यर्थी जेआरएफ पूरा करते हैं, उन्हें बड़े संस्थानों जैसे आईआईटी, आईआईएम या सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में प्लेसमेंट के ज्यादा चांसेज मिलते हैं. बड़े कैंपस की प्लेसमेंट सेल जेआरएफ कैंड‍िडेट को वरीयता देती हैं. 

नेट के बाद पीएचडी से क्या होता है? 

NET का फुल फॉर्म नेशनल एलि‍जिबल टेस्ट है, इस परीक्षा को पास करने के बाद भी पीएचडी में एड‍मिशन मिल जाता है, लेकिन इस दौरान कैंडीडेट को स्कॉलरश‍िप नहीं मिलती. यदि सिर्फ नेट निकाला है तो आप अस‍िस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए एलिजिबल हैं. 

UGC-NET(JRF) की परीक्षा के लिए कौन पात्र हैं ?

जिन अभ्यर्थियों ने पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है या अभी फाइनल ईयर में हैं वो सभी इस एग्जाम को दे सकते हैं. अभ्यर्थियों ने यदि हृयूमेनिटीज और सोशल साइंस, कंप्यूटर साइंस आदि में UGC द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से पोस्ट ग्रेजुएशन या समकक्ष में न्यूनतम 55% अंकों ()के साथ प्राप्त किया हो, वे सभी पात्र हैं. बता दें कि इसमें एससी-एसटी कैटेगरी को 5 पर्सेंट की छूट दी जाती है. 

स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनने का क्या क्राइटेरिया है? 

वैसे तो अब सभी व‍िश्वविद्यालय यूजीसी नेट की अर्हता को मानते हैं. लेकिन अभी भी कुछ स्टेट अभी भी अपने SET (स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट) निकाल रहे हैं, इन राज्यों में प्रायोरिटी सिर्फ उन्हीं को दी जाती है जो स्टेट एलिजिबिल‍िटी टेस्ट निकालते हैं. यूपी और बिहार ने इन टेस्ट को फिलहाल बंद किया है. 

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यूजीसी नेट कौन सा एग्जाम अच्छा माना जाता है?

यूजीसी नेट बोलते हैं तो इसका मतलब है कि आप साइंस के सब्जेक्ट को छोड़कर जितने भी सब्जेक्ट हैं, वे इसे दे सकते हैं. जिसमें साइंस के सब्जेक्ट जुड़ते हैं यूजीसी नेट सीएसआईआर UGC NET CSIR (काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट‍ियल रिसर्च) परीक्षा देते हैं. 

UGC NET CSIR पास करने का क्या फायदा होता है? 

UGC NET CSIR (काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट‍ियल रिसर्च) में चयनित होता है. इसमें प्रतिभागी को डीआरडीओ, डिफेंस, ओएनजीसी स‍मेत डिफेंस की संस्थाएं साइंटिस्ट के तौर पर रिसर्च के लिए बुला लेती हैं. ये वर्ल्ड की लार्जेस्ट पब्ल‍िकली फंडेड काउंसिल है, इसलिए इनकी फेलोश‍िप भी बहुत अच्छी होती है. 

इन एग्जाम्स के लिए उम्र सीमा का क्राइटेरिया क्या है? 

JRF अभ्यर्थी की उम्र सीमा 30 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन करने हेतु कोई अधिकतम उम्र सीमा नहीं है. SC/ST/OBC/Pwd/ट्रांसजेंडर और महिला आवेदकों को 5 साल तक की छूट दी जाती है. रिसर्च करने वाले अभ्यर्थियों को सम्बंधित विषय में शोध पर लगे समय अवधि के बराबर छूट या स्नातकोत्तर डिग्री भी दी जाती है. 

(सात बार नेट परीक्षा पास कर चुके श‍िक्षाविद अमित कुमार निरंजन से बातचीत पर आधारित)

 

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