Pay Commission: इस राज्य के सरकारी कर्मियों को तोहफा, नए पे-स्केल पर मिलेगा वेतन

Pay Commission: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि नए वेतनमानों और संशोधित पेंशन से राज्य पर सालाना 6,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्‍होंने यह भी कहा कि संविदाकर्मी अब 03 वर्ष की बजाय 02 वर्ष के बाद ही नियमित कर दिए जाएंगे.

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Pay Scales as per Pay Commission Pay Scales as per Pay Commission

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 28 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:49 AM IST
  • संविदाकर्मी 02 वर्ष के बाद ही नियमित कर दिए जाएंगे
  • राज्य के खजाने पर 6,000 करोड़ का बोझ बढ़ेगा

Pay Commission: हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) के अनुसार नए वेतनमान की घोषणा की है. इसके साथ ही संविदाकर्मियों के अनुबंध पूरा होने की अवधि को भी तीन साल से घटाकर दो साल कर दिया गया है. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) को संबोधित करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2016 से नए वेतनमान की घोषणा की है.

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01 जनवरी 2016 से मिलेगा संशोधित पेंशन का लाभ

उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 का वेतन, संशोधित वेतनमान के अनुसार, फरवरी 2022 में देय होगा. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने कुल बजट का लगभग 43 प्रतिशत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर खर्च कर रही है जो कि छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को भी 01 जनवरी 2016 से संशोधित पेंशन और अन्य पेंशन लाभ दिए जाएंगे.

02 वर्ष में ही नियमित कर दिए जाएंगे संविदाकर्मी

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन नए वेतनमानों और संशोधित पेंशन से राज्य पर सालाना 6,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्‍होंने कहा कि संविदाकर्मी अब 03 वर्ष की बजाय 02 वर्ष के बाद ही नियमित कर दिए जाएंगे. इसके अलावा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, अंशकालिक श्रमिकों, जल रक्षकों और जल वाहक आदि के संबंध में नियमितीकरण/दैनिक मजदूरी परिवर्तन के लिए भी एक वर्ष कम किया जाएगा.

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मुख्यमंत्री ने लंबित चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों को पास करने के लिए अतिरिक्त 10 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की है. उन्‍होंने कहा कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी. यह कमेटी कैबिनेट की अगली बैठक में अपना प्रेजेंटेशन देगी. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों को आदिवासी भत्ता देने पर भी विचार करेगी.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि NPC कर्मचारियों को अब बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए निवेश के लिए कोई भी पेंशन फंड चुनने की आजादी होगी. अब तक इन कर्मचारियों को सरकार द्वारा चुने गए पेंशन फंड में ही निवेश करना होता था. उन्होंने कहा कि सभी NPS कर्मचारियों को मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी लाभ प्रदान किया जा रहा है. अब सरकार ने 15 मई, 2003 से 22 सितंबर, 2017 तक इस लाभ से वंचित NPC कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने का निर्णय लिया है.

उन्होंने कहा कि पिछले लगभग चार वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के डीए में 22 प्रतिशत की वृद्धि की है. उन्हें 1,320 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया गया है. अपर मुख्य सचिव वित्त एवं कार्मिक प्रबोध सक्सेना ने कहा कि नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्यों में हिमाचल प्रदेश केरल के बाद दूसरा राज्य है. अध्यक्ष राज्य एनजीओ फेडरेशन अश्विनी ठाकुर ने कहा कि महामारी के दौरान भी, राज्य सरकार ने कई अन्य राज्यों के विपरीत यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों को उनका वेतन और बकाया समय पर मिले.

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