चीन पर अमेरिकी रिपोर्ट... कितनी है साइलो में तैनात DF-31 मिसाइल की ताकत?

पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने मंगोलिया के पास तीन नए साइलो फील्ड्स में 100 से ज्यादा DF-31 ICBM तैनात की हैं. इनकी रेंज 11,000 किमी तक है. चीन का न्यूक्लियर आर्सेनल 600 वॉरहेड्स तक पहुंच गया है. 2030 तक 1000 पार कर सकता है.

Advertisement
इस साल सितंबर में तियानमेन स्क्वायर पर DF-31 मिसाइल दिखाई गई थी. (File Photo: Getty) इस साल सितंबर में तियानमेन स्क्वायर पर DF-31 मिसाइल दिखाई गई थी. (File Photo: Getty)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) की एक अप्रकाशित ड्राफ्ट रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि चीन ने मंगोलिया की सीमा के पास तीन नए मिसाइल साइलो फील्ड्स में 100 से ज्यादा DF-31 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) लोड कर दी हैं. ये सॉलिड-फ्यूल मिसाइलें हैं, जो तेजी से लॉन्च की जा सकती हैं.

ये मिसाइलें एयर डिफेंस सिस्टम के हमले से बचने की ज्यादा क्षमता रखती हैं. यह चीन की न्यूक्लियर ताकत बढ़ाने की कवायद है. पेंटागन ने पहले इन साइलो फील्ड्स के निर्माण की जानकारी दी थी, लेकिन अब पहली बार मिसाइलों की संख्या का अनुमान लगाया गया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: विदेशी हथियारों को पछाड़ा... NSG कमांडो को मिलेगी स्वदेसी कंपनी SSS की 500 G72 मशीन गन

चीन का न्यूक्लियर आर्सेनल 2024 में लगभग 600 वॉरहेड्स तक पहुंच गया था. 2030 तक यह 1000 से ज्यादा हो सकता है. बीजिंग का कहना है कि उसकी न्यूक्लियर पॉलिसी 'नो फर्स्ट यूज' (पहले हमला नहीं करेंगे) पर आधारित है. वह सिर्फ न्यूनतम रक्षा स्तर बनाए रखता है.

DF-31 मिसाइल की पूरी विशेषताएं 

DF-31 (डोंग फेंग-31, NATO नाम CSS-10) चीन की तीसरी पीढ़ी की रोड-मोबाइल इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है. यह सॉलिड-फ्यूल वाली तीन स्टेज की मिसाइल है, जो 2006 से सेवा में है. 

  • रेंज: DF-31: 7,000 से 8,000 km. DF-31A/AG: 11,000 से 11,700 km तक. यह अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों तक पहुंच सकती है. 
  • लंबाई: करीब 13-15 मीटर
  • व्यास: 2 मीटर
  • लॉन्च वजन: लगभग 42,000 किलोग्राम
  • प्रोपेलेंट: सॉलिड फ्यूल (तेज लॉन्च और कम तैयारी समय)
  • वॉरहेड: एक न्यूक्लियर वॉरहेड (1 मेगाटन तक), कुछ वेरिएंट्स में MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंट री-एंट्री व्हीकल) क्षमता – यानी एक मिसाइल से कई टारगेट्स पर हमला.
  • गाइडेंस: इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, सटीकता (CEP): 100-300 मीटर
  • लॉन्च प्लेटफॉर्म: रोड-मोबाइल ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर (TEL) या अब साइलो-बेस्ड
  • खास फीचर्स: DF-31AG में ऑफ-रोड क्षमता, बेहतर सर्वाइवेबिलिटी और पेनेट्रेशन एड्स (डिकॉय वॉरहेड्स) जो मिसाइल डिफेंस को चकमा दे सकते हैं.

यह भी पढ़ें: रूस के Su-57 फाइटर जेट ने नए इंजन के साथ भरी उड़ान... जानिए कितनी ताकत बढ़ी

Advertisement

यह मिसाइल अमेरिका, यूरोप और एशिया के बड़े हिस्सों को टारगेट कर सकती है. साइलो में तैनाती से यह पहले हमले से ज्यादा सुरक्षित हो जाती है. चीन का यह विस्तार वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है. अमेरिका और उसके सहयोगी इस पर नजर रख रहे हैं. चीन ने अभी इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement