JDAM वेपन क्या है जो इजरायल को देगा अमेरिका, 4300 करोड़ रुपए के हथियार डील कितनी अहम है?

अमेरिका ने इजरायल को 510 मिलियन डॉलर की हथियार डील के तहत JDAM किट्स देने की मंजूरी दी है. जेडीएएम सामान्य बमों को जीपीएस-निर्देशित स्मार्ट बम में बदलता है, जो सटीक हमले करता है. यह डील इजरायल की सैन्य ताकत बढ़ाएगी, लेकिन गाजा में मानवाधिकार चिंताएं भी उठा रही है. यह मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है.

Advertisement
ये है JDAM वेपन, जिसे अमेरिका इजरायल को दे रहा है. (फाइल फोटोः USAF) ये है JDAM वेपन, जिसे अमेरिका इजरायल को दे रहा है. (फाइल फोटोः USAF)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

अमेरिका ने इजरायल को 510 मिलियन डॉलर (लगभग 4300 करोड़ रुपये) की हथियार डील को मंजूरी दी है, जिसमें जॉइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन (JDAM) किट्स शामिल हैं. यह डील मध्य पूर्व में चल रहे तनावों और इजरायल की सैन्य जरूरतों के बीच काफी चर्चा में है. आइए जानते हैं कि जेडीएएम हथियार क्या है और यह डील क्यों इतनी अहम है?

Advertisement

जेडीएएम हथियार क्या है?

जॉइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन (JDAM) एक ऐसा मार्गदर्शन किट (Guidance Kit) है, जो सामान्य बमों को सटीक निशाना लगाने वाले स्मार्ट बम में बदल देता है. यह तकनीक अमेरिका की बोइंग कंपनी द्वारा विकसित की गई है. इसे हथियारों की दुनिया में क्रांतिकारी माना जाता है. 

यह भी पढ़ें: चीन का नया ‘ब्लैकआउट बम’: पूरे शहर की बिजली ठप करने वाला खतरनाक हथियार

जेडीएएम कैसे काम करता है?

किट का काम: जेडीएएम किट को सामान्य बमों (जैसे 500-पाउंड MK-82 या 2000-पाउंड BLU-109) पर लगाया जाता है. इसमें जीपीएस (GPS) और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) होता है, जो बम को सटीक निशाने तक पहुंचाता है.

सटीकता: यह किट बम को मौसम की स्थिति या दूरी की परवाह किए बिना लक्ष्य को सटीक रूप से भेदने में सक्षम बनाता है. यह 5-10 मीटर की सटीकता के साथ लक्ष्य को नष्ट कर सकता है.

Advertisement

लागत-प्रभावी: जेडीएएम किट्स महंगे मिसाइल सिस्टम की तुलना में सस्ते हैं, लेकिन उतने ही प्रभावी हैं. एक किट की कीमत लगभग 20,000 से 30,000 डॉलर (17 लाख से 25 लाख रुपए ) होती है.

उपयोग: इसे लड़ाकू विमानों (जैसे F-15, F-16) से लॉन्च किया जाता है. यह बमों को बंकर, सैन्य ठिकानों या अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए उपयुक्त बनाता है.

इस डील में क्या शामिल है?

इस 510 मिलियन डॉलर की डील में निम्नलिखित शामिल हैं...

  • 3845 जेडीएएम किट्स: 2000-पाउंड BLU-109 बमों के लिए, जो बंकर-बस्टर बम के रूप में जाने जाते हैं. ये बम गहरे ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम हैं.
  • 3280 जेडीएएम किट्स: 500-पाउंड MK-82 बमों के लिए, जो सामान्य सैन्य लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए उपयोगी हैं.
  • सपोर्ट सर्विसेज: इसमें अमेरिकी सरकार और बोइंग कंपनी की तकनीकी सहायता, लॉजिस्टिक्स और अन्य प्रोग्राम सपोर्ट शामिल हैं.

यह डील बोइंग कंपनी द्वारा पूरी की जाएगी. कुछ किट्स अमेरिकी सरकार के मौजूदा स्टॉक से ली जाएंगी.

इस डील का महत्व

यह हथियार डील कई कारणों से महत्वपूर्ण है, खासकर मध्य पूर्व के मौजूदा भू-राजनीतिक हालात को देखते हुए.

1. इजरायल की सैन्य ताकत में वृद्धि

सटीक हमले की क्षमता: जेडीएएम किट्स इजरायल की वायु सेना को और घातक बनाते हैं. ये किट्स इजरायल को सटीक और प्रभावी हमले करने की क्षमता देते हैं, चाहे वह हमास, हिजबुल्लाह या अन्य क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ हो.

Advertisement

लंबी अवधि की सुरक्षा: अमेरिका का कहना है कि यह डील इजरायल की दीर्घकालिक सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए है, ताकि वह क्षेत्रीय खतरों (जैसे ईरान और उसके समर्थित समूहों) से निपट सके.

यह भी पढ़ें: ब्रह्मोस से भी घातक, 9200 KMPH स्पीड, 8000 किमी रेंज... रडार भी खाएंगे मात, भारत करने जा रहा K-6 मिसाइल का ट्रायल

2. अमेरिका-इजरायल संबंध

मजबूत साझेदारी: अमेरिका इजरायल का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है, जो 2019-2023 के बीच उसके 69% हथियारों की आपूर्ति करता है. यह डील दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करती है.

क्वालिटेटिव मिलिट्री एज (QME): अमेरिका की नीति है कि इजरायल को अपने पड़ोसियों पर सैन्य तकनीक में बढ़त बनाए रखनी चाहिए. यह डील इस नीति का हिस्सा है.

3. मध्य पूर्व में तनाव चल रहे संघर्ष

इजरायल गाजा, लेबनान और सीरिया में हमास, हिजबुल्लाह और अन्य समूहों के खिलाफ सैन्य अभियान चला रहा है. 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद से इजरायल को अमेरिका से 17.9 बिलियन डॉलर से ज्यादा की सैन्य सहायता मिल चुकी है. यह डील उस सहायता का हिस्सा है.

क्षेत्रीय युद्ध का खतरा: मध्य पूर्व में ईरान और उसके समर्थित समूहों के साथ बढ़ते तनाव के बीच, यह डील इजरायल को और ताकत देती है, लेकिन क्षेत्रीय युद्ध की आशंका को भी बढ़ा सकती है.

Advertisement

4. विवाद और मानवीय चिंताएं

मानवाधिकार उल्लंघन: कुछ संगठनों, जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आरोप लगाया है कि इजरायल ने जेडीएएम जैसे अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल गाजा में नागरिकों पर हमलों में किया, जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन हो सकता है. उदाहरण के लिए, 2023 में गाजा में दो हमलों में 43 नागरिक मारे गए थे.

अमेरिकी कांग्रेस में बहस: कुछ अमेरिकी सांसदों, खासकर डेमोक्रेटिक पार्टी के, ने इस डील पर चिंता जताई है. उनका कहना है कि इन हथियारों का इस्तेमाल गाजा में नागरिकों को नुकसान पहुंचा सकता है. हालांकि, कांग्रेस में इजरायल को हथियार देने के खिलाफ ज्यादा विरोध नहीं है.

5. समय और डिलीवरी

यह डील तुरंत हथियारों की डिलीवरी के लिए नहीं है. जेडीएएम किट्स और अन्य उपकरणों की डिलीवरी 2026 या उसके बाद शुरू होगी. इसका मतलब है कि यह डील इजरायल की लंबी अवधि की सैन्य रणनीति को मजबूत करने के लिए है, न कि तत्काल युद्ध के लिए.

यह भी पढ़ें: भारत का नया ब्रह्मास्त्र, K-6 हाइपरसोनिक मिसाइल का पनडुब्बी से परीक्षण जल्द, देखें

वैश्विक और क्षेत्रीय प्रभाव

क्षेत्रीय शक्ति संतुलन: यह डील इजरायल को मध्य पूर्व में सैन्य रूप से और मजबूत बनाती है, जिससे ईरान और उसके सहयोगी समूहों के साथ तनाव बढ़ सकता है.

Advertisement

अमेरिकी नीति: यह डील ट्रम्प प्रशासन की उस नीति को दर्शाती है, जिसमें इजरायल को बिना शर्त सैन्य सहायता दी जा रही है. ट्रम्प ने बाइडेन प्रशासन की कुछ नीतियों को पलट दिया, जो हथियारों की आपूर्ति पर मानवाधिकार शर्तें लगाती थीं.

वैश्विक हथियार व्यापार: यह डील अमेरिकी रक्षा उद्योग, खासकर बोइंग के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह हथियारों के निर्यात को बढ़ावा देती है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement