चीन का नया ‘ब्लैकआउट बम’: पूरे शहर की बिजली ठप करने वाला खतरनाक हथियार

चीन का नया ब्लैकआउट बम बिना किसी बड़े विनाश के दुश्मन की बिजली आपूर्ति को ठप करके उसे कमजोर कर सकता है. यह हथियार न केवल सैन्य रणनीति को बदल सकता है, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है. क्या यह हथियार वाकई युद्ध के मैदान में उतर पाएगा, या यह सिर्फ एक डराने की रणनीति है? यह समय ही बताएगा.

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बिजल ग्रिड में शॉर्ट सर्किट पैदा कराता है ये बम. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी) बिजल ग्रिड में शॉर्ट सर्किट पैदा कराता है ये बम. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST

चीन ने हाल ही में एक नए और खतरनाक हथियार का खुलासा किया है, जिसे ‘ब्लैकआउट बम’ कहा जा रहा है. यह हथियार दुश्मन देशों की बिजली आपूर्ति को पूरी तरह से ठप करने की क्षमता रखता है. इस बम को चीन के सरकारी न्यूज चैनल CCTV ने एक एनिमेटेड वीडियो के जरिए दुनिया के सामने पेश किया है. आइए जानते हैं इस रहस्यमयी हथियार के बारे में और समझेंगे कि यह कैसे काम करता है और इसका क्या प्रभाव हो सकता है?

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ब्लैकआउट बम क्या है?

ब्लैकआउट बम, जिसे ग्रेफाइट बम भी कहा जाता है, एक ऐसा गैर-घातक हथियार है जो बिना किसी विस्फोट के दुश्मन के बिजली सिस्टम को निष्क्रिय कर सकता है. यह बम हाई-वोल्टेज बिजली लाइनों, ट्रांसफॉर्मर और सबस्टेशनों को निशाना बनाता है. यह बम विशेष रूप से कार्बन फिलामेंट्स (carbon filaments) का इस्तेमाल करता है, जो बिजली के सिस्टम में शॉर्ट-सर्किट पैदा करके पूरे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति को बंद कर देता है.

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चीन के सरकारी चैनल CCTV के अनुसार, यह बम 10000 वर्ग मीटर (लगभग 2.5 एकड़) के क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को पूरी तरह से ठप कर सकता है. इसे ‘सॉफ्ट बम’ भी कहा जाता है क्योंकि यह सीधे तौर पर इमारतों या लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि बिजली सिस्टम को निशाना बनाता है.

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यह बम कैसे काम करता है?

चीन के सरकारी मीडिया द्वारा जारी वीडियो में दिखाया गया है कि यह बम जमीन से लॉन्च होने वाली मिसाइल के रूप में काम करता है. इसकी कार्यप्रणाली इस प्रकार है...

  • लॉन्चिंग: यह बम किसी वाहन से लॉन्च किया जाता है. मिसाइल हवा में उड़कर अपने लक्ष्य तक पहुंचती है.
  • सबम्यूनिशन रिलीज: मिसाइल अपने लक्ष्य के ऊपर पहुंचने पर 90 छोटे सिलेंडर जैसे सबम्यूनिशन (submunitions) छोड़ती है.
  • कार्बन फिलामेंट्स का फैलाव: ये सिलेंडर जमीन पर गिरने से पहले हवा में फटते हैं. हजारों बारीक कार्बन धागे (filaments) छोड़ते हैं. ये धागे विशेष रासायनिक प्रक्रिया से तैयार किए जाते हैं.
  • शॉर्ट-सर्किट: ये कार्बन धागे बिजली की हाई-वोल्टेज लाइनों और उपकरणों पर गिरते हैं, जिससे शॉर्ट-सर्किट होता है. इससे बिजली सिस्टम पूरी तरह से बंद हो जाता है.

इस बम की रेंज 290 किलोमीटर बताई गई है. इसका वॉरहेड 490 किलोग्राम वजनी है. यह इसे सैन्य सबस्टेशनों और अन्य महत्वपूर्ण बिजली ढांचे को निशाना बनाने के लिए आदर्श बनाता है. 

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इस हथियार का महत्व

यह ब्लैकआउट बम आधुनिक युद्ध की रणनीति को बदल सकता है. आज के युद्ध में बिजली और संचार सिस्टम बहुत महत्वपूर्ण हैं. अगर किसी देश की बिजली आपूर्ति ठप हो जाए, तो उसका सैन्य संचालन, संचार और कमांड सिस्टम पूरी तरह से प्रभावित हो सकता है. इस बम का इस्तेमाल करके दुश्मन की सेना को बिना किसी बड़े विस्फोट के कमजोर किया जा सकता है.

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चीन के इस हथियार को ताइवान, अमेरिका और अन्य प्रतिद्वंद्वी देशों के लिए एक बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है. खासकर ताइवान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, इस बम को ताइवान की बिजली आपूर्ति को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने की आशंका जताई जा रही है.

क्या यह तकनीक नई है?

हालांकि चीन इसे एक नया हथियार बता रहा है, लेकिन ग्रेफाइट बम की तकनीक पहले से मौजूद रही है. उदाहरण के लिए... 

  • अमेरिका: अमेरिका ने 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान इराक में BLU-114/B ग्रेफाइट बम का इस्तेमाल किया था, जिसने इराक की 85% बिजली आपूर्ति को ठप कर दिया था. 
  • 1999 में यूगोस्लाविया पर नाटो के हमले में भी इसका इस्तेमाल हुआ था.
  • दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया ने 2017 में कहा था कि उसने उत्तर कोरिया के खिलाफ ग्रेफाइट बम विकसित किया है.

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का कहना है कि यह तकनीक नई नहीं है. कई देशों के पास पहले से ही ऐसी क्षमता है. फिर भी, चीन का यह दावा चिंता का विषय है क्योंकि यह हथियार बहुत प्रभावी और सटीक है. 

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दुनिया की प्रतिक्रिया

चीन के इस नए हथियार की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं. कुछ लोग इसे आधुनिक युद्ध की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे खतरनाक और डरावना बता रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि चीन तेजी से तकनीकी और सैन्य क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है.

क्या यह हथियार तैनात हो चुका है?

CCTV ने इस हथियार को “घरेलू रूप से निर्मित रहस्यमयी मिसाइल” कहा है, लेकिन इसकी स्थिति या तैनाती के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. यह अभी साफ नहीं है कि यह हथियार विकास के किस चरण में है या इसे चीनी सेना ने इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. 

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