मारक भी और चकमा देने में भी सक्षम... इन 5 खूबियों से PAK पर हमले में 'ब्रह्मास्त्र' साबित हुआ ब्रह्मोस

ब्रह्मोस मिसाइल अपनी रफ्तार, सटीकता, रेंज, चकमा देने की क्षमता और 'फायर एंड फॉरगेट' सिस्टम की वजह से भारत का 'ब्रह्मास्त्र' बन गया है. ऑपरेशन सिंदूर में इसने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.

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भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स ने अपनी सीमा में रहते हुए ब्रह्मोस को पाकिस्तानी ठिकानों पर दागा. (फाइल फोटोः IAF) भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स ने अपनी सीमा में रहते हुए ब्रह्मोस को पाकिस्तानी ठिकानों पर दागा. (फाइल फोटोः IAF)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

भारत और रूस ने मिलकर जो ब्रह्मोस मिसाइल बनाई है, वह आज दुनिया की सबसे ताकतवर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर (9-10 मई 2025) के दौरान भारत ने इसका इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया. इस ऑपरेशन में 15 ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान की 11 हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया, जिससे उसकी हवाई ताकत कमजोर हो गई.

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आइए जानते हैं ब्रह्मोस की उन 5 खूबियों के बारे में, जिन्होंने इसे 'ब्रह्मास्त्र' बनाया.

1. तीन गुना तेज रफ्तार (सुपरसोनिक स्पीड)

ब्रह्मोस मिसाइल ध्वनि की गति से 2.8 से 3 गुना तेज उड़ती है, यानी Mach 3 की रफ्तार. इसका मतलब है कि यह 900 मीटर प्रति सेकंड की स्पीड से टारगेट की ओर बढ़ती है. इस रफ्तार की वजह से दुश्मन को रिएक्ट करने का समय ही नहीं मिलता. ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने 10 सेकंड से भी कम समय में पाकिस्तान के हवाई ठिकानों को नष्ट कर दिया, जैसे भोलारी और नूर खान एयरबेस.

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2. लंबी दूरी तक मार (रेंज 450-800 किमी)

पहले ब्रह्मोस की रेंज 290 किलोमीटर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 450 से 800 किलोमीटर कर दिया गया है. इसका मतलब है कि भारत अपनी सीमा से ही दुश्मन के गहरे ठिकानों पर हमला कर सकता है. ऑपरेशन सिंदूर में सुखोई-30MKI विमानों से लॉन्च की गई ब्रह्मोस मिसाइलों ने बिना सीमा पार किए पाकिस्तान के रावलपिंडी, भोलारी और सरगोधा जैसे ठिकानों को निशाना बनाया.

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3. सटीक निशाना (पिनपॉइंट एक्यूरेसी)

ब्रह्मोस की सबसे बड़ी खूबी है इसकी सटीकता. यह 1 मीटर की सर्कुलर एरर प्रोबेबिलिटी (CEP) के साथ टारगेट को हिट करती है, यानी यह बिल्कुल सही जगह पर हमला करती है. ऑपरेशन में इसने पाकिस्तान के रडार सिस्टम, कमांड सेंटर और हवाई अड्डों को सटीकता से नष्ट किया, जैसे पासरुर और सियालकोट के रडार साइट्स. इससे कोलैटरल डैमेज (आसपास की चीजों को नुकसान) भी नहीं हुआ.

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4. रडार से बचने की क्षमता (लो-एल्टीट्यूड फ्लाइट)

ब्रह्मोस मिसाइल 3 से 10 मीटर की बहुत कम ऊंचाई पर उड़ सकती है, जिससे दुश्मन के रडार इसे पकड़ नहीं पाते. साथ ही यह हवा में रास्ता बदल सकती है. तेजी से नीचे गोता लगा सकती है. ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के HQ-9 जैसे हवाई डिफेंस सिस्टम इसे रोक नहीं पाए, क्योंकि यह रडार से बचते हुए टारगेट तक पहुंच गई.

5. 'फायर एंड फॉरगेट' सिस्टम

ब्रह्मोस एक 'फायर एंड फॉरगेट' मिसाइल है, यानी इसे लॉन्च करने के बाद किसी और मदद की जरूरत नहीं होती. यह खुद टारगेट तक जाती है. इसमें एडवांस्ड गाइडेंस सिस्टम (इनर्शियल, सैटेलाइट और रडार) है, जो इसे जामिंग (इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप) से बचाता है. ऑपरेशन में इसने कई टारगेट्स को एक साथ नष्ट किया, जैसे भोलारी में एक AWACS विमान और कई रनवे.

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ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की ताकत

ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत ने इसके जवाब में 9-10 मई को हमला किया. ब्रह्मोस ने पाकिस्तान के 11 हवाई ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिसमें भोलारी, रफीकी, नूर खान और सरगोधा शामिल थे. इस हमले में पाकिस्तान का एक AWACS विमान और कई UAVs भी नष्ट हो गए. पाकिस्तान की हवाई डिफेंस सिस्टम बेकार साबित हुई, और उसे सीजफायर के लिए मजबूर होना पड़ा.

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