अमेरिकी सेना ने अपनी परमाणु ताकत दिखाने के लिए एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया. इस मिसाइल का नाम मिनटमैन III है. यह परीक्षण 21 मई को सुबह 3:01 बजे (ईटी) यानी भारत के समयानुसार दोपहर 12:31 बजे हुआ.
मिसाइल कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च की गई और 4,200 मील (6760 किलोमीटर) की दूरी तय करके मार्शल आइलैंड्स के क्वाजालीन एटोल में रोनाल्ड रीगन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस टेस्ट साइट पर पहुंची.
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यह परीक्षण क्यों हुआ?
अमेरिकी स्पेस फोर्स ने कहा कि यह परीक्षण कई महीने पहले से तय था. इसका मौजूदा विश्व घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है. इसका मकसद अमेरिका की परमाणु हथियारों की ताकत और तैयारी को दिखाना था. इस परीक्षण को अमेरिकी वायुसेना के ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने किया, जिसमें वायोमिंग के 90वीं मिसाइल विंग और मोंटाना के 341वीं मिसाइल विंग ने मदद की.
मिनटमैन III मिसाइल क्या है?
मिनटमैन III एक खास मिसाइल है, जो 1970 से अमेरिकी सेना के पास है. यह परमाणु हथियार ले जा सकती है, लेकिन इस परीक्षण में यह बिना हथियार के थी. यह मिसाइल 5,500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक जा सकती है और रॉकेट इंजन से उड़ती है. यह धरती के वायुमंडल से बाहर जाती है और फिर वापस नीचे आती है. पहले यह कई परमाणु हथियार ले जा सकती थी, लेकिन 2014 से हथियार कम करने की संधि के कारण अब ऐसा नहीं होता.
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अमेरिका की परमाणु ताकत
अमेरिका के पास परमाणु हथियारों की ताकत तीन तरह से है, जिसे न्यूक्लियर ट्रायड कहते हैं. इसमें शामिल हैं...
ग्लोबल स्ट्राइक कमांड के कमांडर जनरल थॉमस बुस्सेरे ने कहा कि यह परीक्षण हमारी परमाणु ताकत और तैयारी को दिखाता है. हमारे सैनिक हमेशा देश और सहयोगी देशों की सुरक्षा के लिए तैयार हैं.
भविष्य की योजना
मिनटमैन III को 2030 तक हटाकर उसकी जगह एक नई मिसाइल लाई जाएगी, जिसका नाम LGM-35 सेंटिनल है. इसे नॉर्थरॉप ग्रमैन कंपनी बना रही है. नई तकनीक में ऐसी मिसाइलें भी बन रही हैं, जो बहुत तेज (हाइपरसोनिक) होंगी. अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते समय रास्ता बदल सकती हैं, जिससे इन्हें रोकना मुश्किल होगा.
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