सिर्फ 44 सेकेंड में 1 किलोमीटर एरिया साफ... ऐसा है ऑपरेशन सिंदूर का ये हथियार

भारत के इस हथियार को 'ग्रिड इरेज़र' कहते हैं. भगवान शिव के धनुष पर इसका नाम है. सिर्फ 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागकर 1 वर्ग किमी इलाका तबाह हो जाता है. नई गाइडेड वर्जन 120 किमी दूर सटीक मार करती है. शूट-एंड-स्कूट से दुश्मन कुछ समझे तब तक गायब. आर्मेनिया ने अपनाया. फ्रांस भी इसे देख रहा है.

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ये है भारतीय सेना का पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर. (File Photo: DRDO) ये है भारतीय सेना का पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर. (File Photo: DRDO)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

भारतीय सेना की सबसे खतरनाक हथियार प्रणालियों में से एक है पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL). इसे DRDO ने बनाया है. यह पूरी तरह स्वदेशी है. नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' से लिया गया है. यह सिस्टम दुश्मन के बड़े इलाके को कुछ ही सेकंड में तबाह कर सकता है. हाल ही में 120 किलोमीटर रेंज वाली गाइडेड पिनाका का सफल परीक्षण हुआ है, जो इसे और घातक बना रहा है.

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पिनाका को ग्रिड इरेज़र कहा जाता है क्योंकि यह 1 किलोमीटर x 1 किलोमीटर के पूरे इलाके को 44 सेकंड से कम समय में मिटा सकता है. महंगे मिसाइलों के मुकाबले यह सस्ता लेकिन बहुत प्रभावी है. आइए जानते हैं इसकी मुख्य विशेषताएं और ताकत...

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1. साल्वो डॉक्ट्रिन: एक साथ भारी हमला

  • आधुनिक युद्ध में जीत ज्यादा गोला-बारूद फेंकने से मिलती है.
  • एक पिनाका लॉन्चर 12 रॉकेट सिर्फ 44 सेकंड में दाग सकता है.
  • एक बैटरी में 6 लॉन्चर होते हैं, जो कुल 72 रॉकेट एक साथ दाग सकते हैं.
  • इससे दुश्मन की एयर डिफेंस (जैसे आयरन डोम) ओवरलोड हो जाती है – इतने रॉकेट रोकना मुश्किल हो जाता है.
  • एक बैटरी 1000 मीटर x 800 मीटर इलाके को पूरी तरह नष्ट कर सकती है.

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2. अनगाइडेड से गाइडेड स्नाइपर तक 

पुरानी पिनाका इलाके पर बौछार करती थी, लेकिन नई गाइडेड पिनाका सटीक निशाना लगाती है.

  • मार्क-1: रेंज 38-40 किलोमीटर.
  • मार्क-2: रेंज 60-90 किलोमीटर.
  • गाइडेड पिनाका: रेंज 75-90 किलोमीटर, सटीकता 10 मीटर से कम.
  • नई लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (LRGR-120): रेंज 120 किलोमीटर, 250 किलो वॉरहेड, जीपीएस + इनर्शियल नेविगेशन से सटीक हमला.
  • यह दुश्मन के कमांड पोस्ट, गोदाम या गहरे ठिकानों को निशाना बना सकती है.

3. शूट एंड स्कूट: गोली मारो और भागो 

ड्रोन के जमाने में रुकना मतलब मौत. पिनाका इसके लिए परफेक्ट है. रुककर 12 रॉकेट दागो. पहला रॉकेट गिरने से पहले ही जगह बदल लो. दुश्मन का काउंटर रडार पता लगाए, तब तक पिनाका दूर चला जाता है. यह हाई मोबिलिटी ट्रक पर लगा है, पहाड़ों में भी आसानी से चलता है.

4. निर्यात का साइलेंट किंग 

पिनाका पहाड़ी इलाकों (कारगिल में साबित) में अच्छा काम करता है. मजबूत और सस्ता है. आर्मेनिया ने 2022 में 4 बैटरी खरीदीं (लगभग 2000 करोड़ की डील), अजरबैजान के खिलाफ इस्तेमाल किया. अजरबैजान को पाकिस्तान और तुर्की सपोर्ट करते हैं, इसलिए भारत का आर्मेनिया को सपोर्ट रणनीतिक है. कई दक्षिण-पूर्व एशियाई और यूरोपीय देश रुचि दिखा रहे हैं.

5. फ्रांस का कनेक्शन? 

फ्रांस अपनी पुरानी M270 सिस्टम बदलना चाहता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्रांसीसी सेना पिनाका का मूल्यांकन कर रही है. अगर डील हुई तो यह भारतीय डिफेंस टेक के लिए इतिहास की सबसे बड़ी मान्यता होगी.

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6. कीमत बनाम तबाही का अनुपात 

पश्चिमी सिस्टम (जैसे HIMARS) बहुत महंगे हैं. पिनाका कम कीमत में भारी आग बरसाता है. बजट कम होने वाले देशों (जैसे आर्मेनिया) के लिए यह बराबरी का हथियार है – मजबूत, भरोसेमंद और सस्ता.

पिनाका आग की दीवार बनाता है, जिसमें कोई सेना घुसना नहीं चाहेगी. यह 100% भारतीय है. घातक है. तैयार है. कारगिल युद्ध में इसने दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया था. अब 120 किमी रेंज वाली नई वर्जन से यह और दूर तक मार करेगा.

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