एंटीलिया केसः वाजे का बयान- हटाना चाहते थे पवार, मनाने के लिए देशमुख ने मांगे थे दो करोड़!

एनआईए ने कोर्ट में कहा था कि उन्हें यह पता लगाना होगा कि एपीआई रैंक के अधिकारी के पास इतनी बड़ी मात्रा में पैसा कैसे आया? साथ ही उन्हें यह पता लगाना है कि क्या इसी पैसे से जिलेटिन की छड़ें खरीदी गई थीं? एजेंसी को इस पैसे के स्रोत का भी पता लगाना है.

Advertisement
सचिन वाज़े से अब सीबीआई भी पूछताछ करने वाली है सचिन वाज़े से अब सीबीआई भी पूछताछ करने वाली है

विद्या

  • मुंबई,
  • 07 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST
  • सचिन वाज़े का लिखित बयान में बड़ा खुलासा
  • पूर्व गृह मंत्री और एक मंत्री पर संगीन आरोप
  • 2 दिन के लिए बढ़ाई की गई सचिन वाज़े की कस्टडी

एंटीलिया केस के आरोपी सचिन वाज़े ने आरोप लगाया है कि 2020 में उन्हें बहाल किए जाने के बाद तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उन्हें बताया था कि शरद पवार चाहते थे कि उनकी बहाली रद्द कर दी जाए. गृह मंत्री ने मुझे यह भी बताया कि वो पवार साहब को मना लेंगे और उन्होंने मुझसे इस काम के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की थी. लेकिन इतनी बड़ी रकम का भुगतान करने में मैंने असमर्थता जताई थी. इस पर गृह मंत्री ने मुझे बाद में भुगतान करने के लिए कहा था.

Advertisement

सचिन वाज़े ने कहा कि अक्टूबर 2020 के महीने में तत्कालीन गृह मंत्री ने उसे सह्याद्री गेस्ट हाउस में बुलाया था और उसे शहर के 1,650 बार और रेस्तरां से पैसा इकट्ठा करने के लिए कहा था. उसने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह उसकी क्षमता के बाहर है.

वाज़े के मुताबिक "जुलाई-अगस्त 2020 में मुझे मंत्री अनिल परब ने उनके सरकारी बंगले में बुलाया था. यह वही सप्ताह था जब 3-4 दिनों में डीसीपी के आंतरिक तबादलों में फेरबदल होना था. बैठक में, परब ने मुझे प्रारंभिक जांच के तहत शिकायत को देखने और जांच के लिए कहा था. साथ ही बातचीत के लिए SBUT के ट्रस्टियों को उनके पास लाने के लिए कहा था.

मंत्री ने उक्त जांच को बंद करने के लिए SBUT से 50 करोड़ रुपये लेने के लिए पहले बातचीत शुरू करने पर जोर दिया था. वाज़े ने ऐसा कोई भी काम करने में असमर्थता जताई थी, क्योंकि उसे एसबीयूटी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. साथ ही पूछताछ करने के मामले में भी उसका कोई नियंत्रण नहीं था.

Advertisement

जनवरी 2021 में, मंत्री अनिल परब ने उसे (वाज़े) को फिर से अपने आधिकारिक बंगले पर बुलाया और उसे बीएमसी में सूचीबद्ध कुछ ठेकेदारों के खिलाफ जांच के लिए कहा. उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसे 50 ठेकेदारों से कम से कम 2 करोड़ रुपये वसूलो. बेनामी शिकायत के आधार पर इस मामले में पूछताछ चल रही थी. ठेकेदारों के खिलाफ CIU की जांच में कोई नतीजा नहीं निकाला.

जनवरी 2021 में, वाज़े होम मनिस्टर से उनके आधिकारिक बंगले पर मिला. वहां उनके पीए कुंदन भी मौजूद थे. उन्होंने मुझे 1650 बार और रेस्तरां में से 3-3.5 लाख रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था.

उसके बाद मैं पुलिस कमिश्नर से मिला और उनसे कहा कि मैंने इस बारे में अपनी आशंका व्यक्त की है. मैंने उनसे कहा कि निकट भविष्य में मैं किसी झूठे विवाद में फंस जाऊंगा. सीपी ने मुझे प्रोत्साहित किया और स्पष्ट रूप से मुझे निर्देश दिया कि मैं किसी से और किसी के लिए भी इस तरह की अवैध वसूली में खुद को शामिल न करूं.

9 अप्रैल तक एनआईए की कस्टडी

पूर्व एपीआई सचिन वाज़े को अब 9 अप्रैल तक एनआईए की कस्टडी में रहना होगा. स्पेशल कोर्ट ने एनआईए की मांग पर उसकी हिरासत के दो दिन और बढ़ा दिए हैं. वाज़े के वकील अबाद पोंडा ने अदालत को बताया कि एनआईए की मौजूदगी में सीबीआई की पूछताछ दोनों एजेंसियों के लिए फायदेमंद होगी. 

Advertisement

क्या खरीदी गई जिलेटिन की छड़ें

दरअसल, एनआईए ने कोर्ट में कहा था कि उन्हें यह पता लगाना होगा कि एपीआई रैंक के अधिकारी के पास इतनी बड़ी मात्रा में पैसा कैसे था? साथ ही उन्हें यह पता लगाना है कि क्या इसी पैसे से जिलेटिन की छड़ें खरीदी गई थीं? एजेंसी को इस पैसे के स्रोत का भी पता लगाना है. कुछ ऐसे दस्तावेज भी हैं, जिन्हें जब्त करने की आवश्यकता है.

एजेंसी के मुताबिक मनसुख हिरेन भी एक साजिशकर्ता था और उसे बाद में कत्ल कर दिया गया था. एनआईए ने कोर्ट को बताया कि वाज़े से जानकारी हासिल करना आसान नहीं है. वह पुलिस अधिकारी हैं जो खुद कई मामलों की जांच में शामिल रहा है.

हथकड़ी लगाने पर आपत्ति

उधर, वाज़े के वकील पोंडा ने अदालत को बताया कि जब सीएसएमटी रिक्रिएशन किया जा रहा था, तो वाज़े को हथकड़ी लगाई गई थी. एजेंसी एक नागरिक, विशेष रूप से एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को हथकड़ी नहीं लगा सकती. उस पर गंभीर अपराध का आरोप लगाया जा सकता है लेकिन आप ऐसा नहीं कर सकते. उन्होंने यह भी कहा कि वो कोई आदेश या मुआवजा नहीं मांग रहे हैं. वो सिर्फ अदालत का ध्यान इस तरफ दिलाना चाहते हैं. 

Advertisement

ये भी पढ़ेंः

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement