शारदा चिटफंड घोटाले की आरोपी देबयानी मुखर्जी को जमानत, फिर भी जेल में ही रहेंगी, जानें क्यों?

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शनिवार को शारदा चिटफंड घोटाले की सह आरोपी देबयानी मुखर्जी को जमानत दे दी. हालांकि, उनके खिलाफ ओडिशा और झारखंड में कई मामले दर्ज हैं, जिनमें उन्हें जमानत नहीं मिली है, इसलिए अभी उन्हें महिला सुधार गृह में ही रहना होगा.

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देबयानी मुखर्जी को 2013 में गिरफ्तार किया गया था. (फाइल फोटो) देबयानी मुखर्जी को 2013 में गिरफ्तार किया गया था. (फाइल फोटो)

सूर्याग्नि रॉय

  • कोलकाता,
  • 19 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST
  • 2013 में गिरफ्तार हुई थीं देबयानी मुखर्जी
  • चिटफंड घोटाले में सह आरोपी हैं देबयानी

शारदा चिटफंड घोटाले की आरोपी देबयानी मुखर्जी को शनिवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. उन्हें इस घोटाले से जुड़े हर मामले में जमानत मिल गई है. इस घोटाले में देबयानी मुखर्जी को शारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदीप्त सेन के साथ सह आरोपी बनाया गया था.

हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद देबयानी अभी जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे. वो इसलिए क्योंकि उनके खिलाफ इस घोटाले से जुड़े कई केस झारखंड और ओड़िशा में भी दर्ज हैं और उन मामलों में उन्हें जमानत नहीं मिली है. इस लिए उन्हें अभी अलीपुर के महिला सुधार गृह में ही रखा जाएगा.

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शारदा कंपनी के प्रमोटर सुदीप्त सेन और देबयानी मुखर्जी को 2013 में कश्मीर के सोनमर्ग से गिरफ्तार किया गया था.

शारदा कंपनी ने बंगाल में कई पोंजी स्कीम्स चलाई थीं, जिसमें कथित तौर पर लाखों लोगों के साथ फ्रॉड किया गया. साल 2013 में जब भंडाफोड़ हुआ तो लोगों के हजारों-करोड़ों रुपये डूब गए थे.

शारदा चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. पिछले साल दिसंबर में इस घोटाले के तार सीएम रिलीफ फंड से भी जुड़े होने का दावा किया था. सीबीआई ने दावा किया था कि सीएम रिलीफ फंड से करीब 6.21 करोड़ तारा टीवी को दिए गए थे, जो शारदा ग्रुप की ही एक कंपनी है. इन पैसों का इस्तेमाल कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए किया गया था. सीबीआई ने इस पूरे घोटाले में बड़े लोगों के नाम शामिल होने का दावा किया है.

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