हाथरस केस: 104 फोन कॉल, 6 महीने से संपर्क, जानिए CDR डिटेल से क्या-क्या खुलासे हुए?

हाथरस कांड में फोन कॉल रिकॉर्ड से नया मोड़ आ गया है. एसआईटी की जांच में पता चला है कि आरोपी संदीप के फोन से पीड़िता के भाई के फोन पर लगातार बातचीत हुई थी.

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पीड़िता का परिवार (फाइल फोटो-PTI) पीड़िता का परिवार (फाइल फोटो-PTI)

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST

हाथरस कांड में फोन कॉल रिकॉर्ड से नया मोड़ आ गया है. एसआईटी की जांच में पता चला है कि आरोपी संदीप के फोन से पीड़िता के भाई के फोन पर लगातार बातचीत हुई थी. अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक दोनों फोन के बीच 104 कॉल हुई, जिसमें से 62 कॉल आरोपी संदीप के फोन पर आई, जबकि 42 कॉल पीड़िता के भाई के फोन पर. 

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सूत्रों का दावा है कि पीड़िता के भाई का फोन उसकी पत्नी इस्तेमाल करती थी, इसी फोन से पीड़िता और संदीप के बीच बातचीत का दावा किया जा रहा है. यूपी पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि पीड़ित परिवार और आरोपी संदीप के बीच नियमित अंतराल पर बात हुई. एसआईटी आज अपनी जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप सकती है.

इस बीच आरोपियों के वकील एपी सिंह का दावा है कि पीड़िता की हत्या खुद उसके भाई ने की है. वकील एपी सिंह का दावा है कि इस मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है. आरोपियों को साजिशन फंसाया जा रहा है, इसलिए वो ये केस लड़ रहे हैं. एपी सिंह को क्षत्रिय महासभा ने हाथरस केस में आरोपियों का पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया है.

UP सरकार ने SC से की CBI जांच की अपील
हाथरस कांड में मंगलवार को सुप्रीम में सुनवाई हुई, जिसमें सीबीआई जांच और केस यूपी से ट्रांसफर करने को लेकर दलील दी गई. यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि मामले की सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जा सकती है. याचिकाकर्ताओं ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया, जिसपर कोर्ट ने यूपी सरकार से हलफनामा देने को कहा.

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यूपी सरकार ने दाखिल किया हलफनामा
हाथरस कांड में पीड़िता का अंतिम संस्कार आधी रात में किए जाने को लेकर योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके सफाई दी है कि सुबह के वक्त भीड़ जुटने और तनाव फैलने का अंदेशा था. सरकार की ओर से कहा गया कि अगले दिन बाबरी मामले का फैसला भी आना था और दंगा भड़कने की खुफिया जानकारी थी, इसलिए परिवारवालों की इजाजत के बाद रात को ही अंतिम संस्करा कर दिया गया. हालांकि परिवार दावा करता है कि अंतिम संस्कार जबरन करावाया गया था.

 

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