आरुषि तलवार से राधिका यादव तक... 17 साल, एक सवाल- क्या मां-बाप कर सकते हैं अपने बच्चों का कत्ल?

क्या मम्मी-पापा अपने ही हाथों से अपने बच्चों की जान ले सकते हैं? ये सवाल 17 साल पहले, साल 2008 में आरुषि तलवार हत्याकांड के वक्त उठा था. उस समय पूरा देश स्तब्ध था. लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि एक डॉक्टर दंपत्ति, नुपुर और राजेश तलवार अपनी इकलौती बेटी का कत्ल कर सकते हैं.

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25 साल की राधिका यादव की हत्या के आरोप उसके अपने पिता पर लगे हैं. (Photo- ITG) 25 साल की राधिका यादव की हत्या के आरोप उसके अपने पिता पर लगे हैं. (Photo- ITG)

आजतक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

क्या मम्मी-पापा अपने ही हाथों से अपने बच्चों की जान ले सकते हैं? ये सवाल 17 साल पहले, साल 2008 में आरुषि तलवार हत्याकांड के वक्त उठा था. उस समय पूरा देश स्तब्ध था. लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि एक डॉक्टर दंपत्ति, नुपुर और राजेश तलवार अपनी इकलौती बेटी का कत्ल कर सकते हैं. आरुषि की मौत के 17 साल बाद अब एक और मामला उसी सवाल को फिर से जिंदा कर गया है. इस बार गुरुग्राम में 25 साल की राधिका यादव की हत्या के आरोप उसके अपने पिता पर लगे हैं.

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गुरुग्राम के पॉश सुशांत लोक इलाके की एक तीन मंजिला कोठी. 10 जुलाई की सुबह करीब 10:30 बजे की बात है. अचानक एक गोली चलने की आवाज आती है. घर के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले राधिका के चाचा कुलदीप यादव भागकर ऊपर पहुंचते हैं. किचन के फर्श पर राधिका खून से लथपथ पड़ी है. उसके पास एक लाइसेंसी पिस्टल पड़ी है, जो पिता दीपक यादव की है. आनन-फानन में राधिका को अस्पताल ले जाया जाता है, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने राधिका को मृत घोषित कर दिया.

इसके बाद गुरुग्राम पुलिस मौके पर पहुंची. जांच शुरू हुई. घर में उस वक्त सिर्फ तीन लोग मौजूद थे. राधिका, उसके पिता दीपक यादव और मां मंजू यादव. दीपक का बेटा धीरज उस वक्त घर से बाहर था. मां मंजू बीमार थीं और दूसरे कमरे में लेटी थीं. चाचा कुलदीप के बयान और घटनास्थल से मिले सबूतों के आधार पर शक की सुई सीधे दीपक यादव पर गई. एफआईआर में दर्ज बयानों के अनुसार, दीपक यादव ने खुद कबूल किया कि उन्होंने ही अपनी बेटी को अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारी है. 

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उन्होंने पांच राउंड फायरिंग की, जिनमें चार गोलियां राधिका को लगीं. पुलिस को मौके से पांच खोखे मिले. दीपक ने कहा कि गांव के लोग उसे बेटी की कमाई खाने का ताना मारते थे. इसलिए मानसिक तनाव में आकर उसने यह कदम उठाया. लेकिन क्या वजह वाकई इतनी सीधी है? सोशल मीडिया और पुलिस जांच में इस मामले को लेकर कई थ्योरी सामने आई हैं.

पहली थ्योरी: म्यूजिक वीडियो 

सोशल मीडिया पर एक म्यूजिक एल्बम का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें राधिका नजर आई थी. कहा जा रहा है कि इस वीडियो की वजह से गांव वाले दीपक यादव को ताना देते थे. मगर यह वीडियो एक साल से भी ज्यादा पुराना है और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं दिखता. फिर क्यों ताने?

दूसरी थ्योरी: सोशल एक्टिविटी 

इसमें कहा गया कि राधिका यादव की इंस्टाग्राम पर रील्स थीं जो दीपक यादव को पसंद नहीं थीं. लेकिन राधिका का इंस्टाग्राम अकाउंट प्राइवेट था. उसमें सिर्फ 67 फॉलोअर्स थे, जिनमें से केवल 4 पुरुष थे. वो भी सभी जानने-पहचानने वाले. फिर गांव वालों तक उसकी पोस्ट कैसे पहुंचीं? लोग कैसे जाने?

तीसरी थ्योरी: बेटी का ताना 

पुलिस पूछताछ में दीपक यादव ने बताया कि लोग उसे बेटी की कमाई खाने का ताना देते थे. लेकिन तथ्य यह है कि राधिका की टेनिस एकेडमी से अभी कोई खास आमदनी नहीं हो रही थी. उल्टा, अकैडमी खोलने में निवेश खुद दीपक यादव ने किया था. उन्होंने करोड़ों रुपए राधिका के लिए खर्च किए थे.

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राधिका एक समय की नेशनल लेवल टेनिस प्लेयर रह चुकी थी. लेकिन दो साल पहले कंधे में गंभीर चोट के बाद उसने खेलना छोड़ दिया था. इसके बाद वो कोचिंग देने लगी. मई 2024 में पिता की मदद से गुरुग्राम में अपनी टेनिस एकडमी शुरू की थी. उसके पूर्व कोच अजय यादव के मुताबिक, राधिका में जबरदस्त जुनून था. 

वो आज़ादी चाहती थी, विदेश जाना चाहती थी, खुलकर जीना चाहती थी. लेकिन घर में उसे कई पाबंदियों का सामना करना पड़ता था. एक चैट में राधिका अपने कोच से कहती है, "बस कुछ वक्त खुल कर जीना है." उसने अपने कोच से गुजारिश भी की थी कि वो कुछ बच्चों को उसकी एकेडमी में भेजें ताकि उसका काम चल सके. 

वो संघर्ष कर रही थी, लेकिन आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रही थी. राधिका की सोशल मीडिया मौजूदगी बेहद सीमित थी. न ही वह कोई बड़ी कमाई कर रही थी. तो फिर सवाल उठता है कि क्या वाकई गांव वालों के तानों से परेशान होकर दीपक यादव ने अपनी बेटी की हत्या कर दी? या फिर इस कत्ल की वजह कुछ और है?

घर के अंदर की बातों को सिर्फ घरवाले ही जानते हैं. लेकिन चाचा कुलदीप यादव ने भी यही कहा कि उन्हें कत्ल की वजह समझ में नहीं आ रही. इस पूरी कहानी में सबसे रहस्यमय बात यही है कि एक पिता, जिसने अपनी बेटी के टेनिस करियर में अब तक ढाई करोड़ से ज्यादा खर्च किए, उसकी हर ज़रूरत पूरी की, उसी ने अपनी बेटी को मार डाला? 

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क्या ऐसा कोई ताना था जो इतना बड़ा कदम उठाने को मजबूर कर दे? गुरुग्राम पुलिस को दीपक यादव की हिरासत एक दिन के लिए मिली थी. इसके बाद शनिवार को उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस अपनी पूछताछ कर चुकी है. राधिका की मौत की असल वजह क्या थी, यह आने वाले समय में लोगों के सामने आ जाएगा.

लेकिन फिलहाल इतना जरूर तय है, आरुषि तलवार के बाद राधिका यादव ने एक बार फिर इस सवाल को जिंदा कर दिया है कि क्या मां-बाप अपने ही बच्चों के कातिल हो सकते हैं?

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