रांची: कोरोना महामारी में नहीं शुरू हो सका अस्पताल, HC के जज बोले- 'मुकरने के 100 बहाने हो सकते हैं'

राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों के बाद भी रांची सदर अस्पताल की व्यवस्था ठीक न होने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. हाई कोर्ट में अस्पताल के 300 बेड चालू नहीं किए जाने के मामले में दायर अवमानना वाद याचिका पर सुनवाई की गई. इस दौरान हाई कोर्ट ने ​जस्टिस ने कहा कि 'मुकरने के 100 बहाने हो सकते हैं' 

Advertisement
झारखंड हाई कोर्ट झारखंड हाई कोर्ट

सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 06 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST
  • रांची सदर अस्पताल का है मामला 
  • सरकार ने किया था दिसंबर का वादा 
  • कांट्रेक्टर का बनाया जा रहा बहाना 

झारखंड की राजधानी रांची के सदर अस्पताल में व्यवस्था और कोरोना के हालात पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. इसको लेकर झारखंड उच्च न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी की. हाई कोर्ट में रांची के सदर अस्पताल में 300 बेड को ऑपरेशनल बनाने के मामले में दायर अवमानना वाद याचिका में आज सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने कहा कि 'राज्य सरकार के अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है, अधिकारी के भरोसे गरीबों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है, अधिकारी काम करना नहीं चाहते हैं.'

Advertisement

इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने एक मुहावरा भी बताया. कहा कि 'मुकरने के 100 बहाने हो सकते हैं.' उन्होंने कहा कि 'अधिकारी अगर काम नहीं करना चाहते हैं तो वह बहाना बनाते हैं.' उन्हें बहाना न बना कर काम करना चाहिए, ताकि गरीबों का भला हो सके. झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता कुमार हर्ष ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के मुख्य सचिव हाई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि कार्य में प्रगति हो रही है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि काम में उम्मीद के मुताबिक तेजी नहीं लाई जा सकी है. इस पर अदालत ने कहा कि 'मुकरने के 100 बहाने हो सकते हैं, जो काम सरकार चाहती है, वह तो हो जाता है, लेकिन जो काम गरीब के हित में है, वह काम समय से नहीं हो पाता है.'

Advertisement

हाई कोर्ट ने कई बार आदेश दिए, लेकिन अभी तक सदर अस्पताल को ऑपरेशनल नहीं किया जा सका है, जबकि इसके पहले सरकार ने हाई कोर्ट को आश्वस्त किया था कि अंतिम मौका दें. 31 दिसंबर तक सदर अस्पताल को ऑपरेशनल करने का वादा किया था, लेकिन दिसंबर तो क्या अप्रैल 2021 आ गया, अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है. कोरोना की इस वैश्विक महामारी के दौरान जब अस्पताल की नितांत आवश्यकता थी, तब भी गंभीरता नहीं दिखाई गई. कांट्रेक्टर का बहाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास कांट्रेक्टर नहीं है, तो इतने काम कैसे होते हैं?


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement