नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ (NSE CEO) आशीष कुमार चौहान ने शुक्रवार को बीटी इंडिया @100 (BT India@100) समिट में एक सत्र में शामिल होकर, भारतीय बाजार और निवेशकों की सेफ्टी के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि भारत उन गिने-चुने विकासशील देशों में से एक है, जहां छोटे निवेशकों को केंद्र में रखकर एक मजबूत, तकनीक-संचालित कैपिटल मार्केट इकोसिस्टम का निर्माण किया गया है. उन्होंने बाजार को लेकर आगे की चुनौतियों और निवेशकों के संरक्षण के साथ ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व पर जोर दिया.
छोटे निवेशकों में जागा विश्वास
आशीष चौहान ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में, जोरहाट या दुर्गापुर की कोई महिला सलेम की किसी कंपनी में बिना उसका कारोबार देखे 1,000 रुपये का निवेश कर सकती है. हमने इसी तरह का विश्वास जगाने का काम किया है और यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि हमने शासन, तकनीक और पारदर्शिता के माध्यम से उनमें भरोसे का निर्माण किया है.
'डेरिवेटिव्स मार्केट छोटे निवेशकों के लिए नहीं'
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग के दुरुपयोग को लेकर हालिया चिंताओं पर अपने विचार रखते हुए एनएसई सीईओ ने जेन स्ट्रीट मामसे का हवाला दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाओं से बहस छिड़ जाती है, लेकिन इनसे इस बुनियादी सच्चाई को छिपाया नहीं जाना चाहिए कि डेरिवेटिव्स छोटे निवेशकों के लिए हैं ही नहीं.
आशीष चौहान के अलर्ट करते हुए कहा कि Small Investors को डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए. ये उन लोगों के लिए हैं, जो इनमें शामिल जोखिमों को पूरी तरह समझते हैं. मैं यह बात सालों से कहता आ रहा हूं. अगर कोई फिर भी इन बाजारों में ट्रेडिंग करना चाहता है, तो उसे इसके नुकसानों के बारे में पूरी तरह से पता होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक्सचेंजों और नियामकों को मिलकर ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जो हानिकारक व्यापार पैटर्न का पता लगाए और उसे रोके.
NSE IPO पर दिया ये अपडेट
आशीष चौहान ने बहुप्रतीक्षित एनएसई आईपीओ (NSE IPO) के बारे में अपडेट देते हुए कहा कि अगर हमें बीएसई या किसी अन्य एक्सचेंज पर लिस्ट होना है, तो पहले मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) चाहिए, एक बार यह मिल जाने के बाद, हम अपना ड्राफ्ट रेड हियरिंग पेपर तैयार करेंगे और उसे फिर सेबी को सौंपेंगे और उसके बाद ही हम लिस्टिंग के लिए आगे बढ़ सकते हैं. ये एनओसी अभी तक जारी नहीं किया गया है.
इसके साथ ही उन्होंने भारत के 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के टारगेट पर बोलते हुए भारतीय बाजारों के विस्तार की अपार संभावनाएं जताईं. उन्होंने NSE में अपनी यात्रा के बारे में बात की और स्वीकार किया कि वे एक कठिन समय में एक्सचेंज में वापस आए थे, जब इसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा था और इसके प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे को तत्काल सही करने की जरूरत थी.
आजतक बिजनेस डेस्क