Budget 2022: इन कंपनियों को मिला तोहफा, बढ़ गई कॉरपोरेट टैक्स पर राहत की मियाद

सरकार ने भारत में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने और विदेशी निवेशकों को बुलाने के लिए 2019 में कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम करने का फैसला लिया था. तब सरकार ने नई मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर 15 फीसदी कर दी थी.

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निर्मला सीतारमण का चौथा बजट निर्मला सीतारमण का चौथा बजट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST
  • 2019 में घटी थी कॉरपोरेट टैक्स की दरें
  • स्टार्टअप, नई मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को फायदा

Corporate Tax Rate in India: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने आज लोकसभा में अपना चौथा बजट (Union Budget 2022) पेश किया. इस बजट में इनकम टैक्स (Income Tax) को लेकर कोई खास बदलाव तो नहीं हुआ, लेकिन कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) के मामले में कुछ राहतों का ऐलान किया गया. इससे खासकर स्टार्टअप (Startup) और मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों (Manufacturing Comapnies) को राहत मिलने वाली है.

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एक साल बढ़ी लाभ उठाने की डेडलाइन

वित्त मंत्री ने स्टार्टअप के लिए एक बड़ा ऐलान किया. टैक्स में छूट का लाभ उठाने के लिए अब स्टार्टअप के लिए इनकॉरपोरेशन पीरियड को एक साल बढ़ा  दिया गया है. इसका मतलब हुआ कि अब 2023 तक बनने वाले स्टार्टअप को टैक्स छूट का लाभ मिलेगा. इसी तरह नई कंपनियों के लिए मैन्यूफैक्चरिंग स्टार्ट करने का समय भी 1 साल बढ़ा दिया गया है. महज 15 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स का लाभ उठाने के लिए नई कंपनियों को मार्च 2023 तक मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करना था. अब मार्च 2024 तक मैन्यूफैक्चरिंग शुरू होने पर भी यह लाभ मिलेगा.

नहीं घटी कॉरपोरेट टैक्स की दर, इन्वेस्टर्स कर रहे थे डिमांड

इन्वेस्टर्स (Investors) लंबे समय से भारत में कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) की दरें कम करने की मांग करते आए हैं. विदेशी निवेशकों (Foriegn Investors) को लुभाने और घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग (Manufaturing) को बढ़ावा देने के लिए कई देशों ने कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम की हैं. भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत से पहले सितंबर 2019 में कॉरपोरेट टैक्स के रेट कम किए गए. इसके बाद नई मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम होकर 15 फीसदी पर आ गई.

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अन्य सेक्टरों को नहीं मिला कम टैक्स का लाभ

इंडस्ट्री की डिमांड थी कि इसका लाभ सर्विस सेक्टर (Service Sector) समेत सभी सेक्टरों की कंपनियों को मिलना चाहिए. इससे सभी सेक्टरों के लिए टैक्स में एकरूपता आएगी. इसके अलावा कम टैक्स रेट के लाभ को नई कंपनी के बजाय नए निवेश से जोड़ने की मांग की जा रही थी. इंडस्ट्री का कहना था कि ऐसा करने से कम टैक्स का लाभ उठाने के लिए हर बार नई कंपनी बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

महामारी के चलते कट ऑफ डेट बढ़ाने की हुई मांग

सरकार ने पिछली बार कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम करते समय कटऑफ डेट 31 मार्च 2023 तय किया था. जो नई कंपनियां इस कट ऑफ डेट से पहले मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करेंगी, उन्हें ही लोअर कॉरपोरेट टैक्स का लाभ मिलेगा. इस इश्यू पर इंडस्ट्री की डिमांड थी कि कट ऑफ डेट को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाया जाना चाहिए. इससे उन कंपनियों को राहत मिलेगी, जो महामारी के चलते प्रोजेक्ट में देरी का शिकार हो गईं. कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन समेत कई पाबंदियां लगी थीं.

 

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