नीतीश ने लालू परिवार के लिए किया था 'परमानेंट' आवास का इंतजाम, तेजस्वी के एक कदम ने छीन लिया आशियाना

20 साल पहले बिहार में सत्ता बदली तो नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी को पूर्व सीएम होने के नाते राजधानी पटना में 10 सर्कुलर रोड पर सरकारी बंगला आवंटित किया था, जिसे अब उन्हें छोड़ना होगा. यह फैसला सरकार ने तेजस्वी यादव की ओर से दायर केस के चलते लिया है.

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20 साल बाद छोड़ना होगा लालू परिवार को सरकारी आवास (Photo-PTI) 20 साल बाद छोड़ना होगा लालू परिवार को सरकारी आवास (Photo-PTI)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार पहले से भी अधिक मजबूत होकर सत्ता में आई है. नवनिर्वाचित मंत्रियों और विधायकों को सरकारी आवास दिए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड वाले बंगले को खाली करने का आदेश दिया गया है. 20 साल से लालू परिवार जिस सरकारी आवास में रह रहा है, उसे अब छोड़ने की नोटिस दी गई है.

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भवन निर्माण विभाग के द्वारा मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड वाले बंगले को खाली करने की नोटिस दी गई है. इसके बदले उन्हें विधान परिषद के सदस्य होने के नाते पटना के हार्डिंग रोड पर बंगला 39 आवंटित किया गया है.

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड वाला बंगला पूर्व मुख्यमंत्री होने की वजह से मिला हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दशक पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को पटना में आवास देने का इंतजाम किया था, लेकिन तेजस्वी यादव के एक केस दायर करने के चलते ही अब उनसे आशियाना छिन रहा है.

नीतीश ने राबड़ी-लालू-मांझी के लिए किया था इंतजाम

मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद लालू यादव और राबड़ी देवी पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगले में रह रहे थे. राबड़ी देवी को बंगला पूर्व मुख्यमंत्री होने की हैसियत से मिला हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल 2005 में पहली बार सत्ता में आए तो उन्होंने बिहार के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए पटना में सरकारी आवास, सुरक्षा और अन्य सुविधाएं देने का फैसला किया था. इसके लिए नीतीश कुमार ने सरकारी नियमों में बदलाव किया, जिसके चलते राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को रहने के लिए आवास मिले थे.

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नीतीश कुमार के फैसले से पूर्व सीएम राबड़ी देवी, लालू प्रसाद यादव, जीतन राम मांझी और जगन्नाथ मिश्रा को पटना में आजीवन सरकारी आवास मिले हुए थे. राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रहते हुए एक अणे मार्ग में रह रही थीं, क्योंकि बिहार में यह आवास मुख्यमंत्री के लिए है. लालू परिवार 1990 से लेकर 2005 तक पटना के एक अणे मार्ग पर रहा, लेकिन 2005 में सत्ता बदलने के बाद उनका पता भी बदल गया. एक अणे मार्ग के मुख्यमंत्री होने के नाते नीतीश कुमार रहने लगे और राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड का बंगला आवंटित कर दिया गया.

सीएम नीतीश कुमार के फैसले के चलते 16 जनवरी 2006 से लालू परिवार 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगले में रह रहा था. यह बंगला राबड़ी देवी को पूर्व सीएम होने के नाते मिला हुआ था. इसी सर्कुलर रोड पर बिहार के तमाम पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित था, लेकिन अब भवन निर्माण विभाग ने राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड बंगले को खाली करने की नोटिस जारी की है.

तेजस्वी के एक केस से छिन रहा सरकारी बंगला

पटना में लालू परिवार 20 साल से जिस सरकारी बंगले में रह रहा था, उसे तेजस्वी यादव के एक केस दायर करने के चलते खाली करना पड़ रहा है. 2015 में तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनने के चलते 5 देशरत्न मार्ग पर स्थित बंगला आवंटित किया गया था. 2017 में सीएम नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ सरकार बनाया तो उन्होंने सुशील मोदी को डिप्टी सीएम बनाया था. 

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सरकार ने तेजस्वी यादव से 5 देशरत्न मार्ग वाले बंगले को खाली करने की नोटिस दी थी, क्योंकि यह बंगला डिप्टी सीएम के लिए फिक्स कर दिया गया था। तेजस्वी की जगह यह बंगला सुशील मोदी को आवंटित किया गया था.

सरकार के द्वारा 5 देशरत्न मार्ग वाले बंगले को खाली करने की नोटिस के खिलाफ तेजस्वी यादव ने पटना हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया था. तेजस्वी ने अदालत में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों और उच्च पदों से जुड़े लोगों के आवास और सुविधाओं में नियमों का स्पष्ट निर्धारण होना चाहिए. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच में मुख्य न्यायाधीश एपी शाही और जस्टिस अंजना मिश्रा ने भवन निर्माण से विस्तृत रिपोर्ट मांगी.

हाईकोर्ट को भवन निर्माण के द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि 2010 में सरकारी नियमों में बदलाव किया गया था, जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए आजीवन पटना में सरकारी आवास, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था है. हाईकोर्ट ने फरवरी 2019 में तेजस्वी यादव की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें 5 देशरत्न मार्ग आवास को खाली करने का आदेश दिया. 

हाईकोर्ट ने एक बड़ा बदलाव किया, जिसके तहत कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाला आजीवन बंगला और सुविधाएं देने की व्यवस्था असंवैधानिक है. इसके चलते ही अब राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड बंगला खाली करने का आदेश दिया गया है.

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बिहार में राबड़ी देवी का अब बदल रहा पता

बिहार में सियासी समीकरण के चलते ही राबड़ी देवी से सरकार ने 10 सर्कुलर रोड छह साल तक खाली नहीं कराया, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में लगातार पांचवीं बार सरकार बनी है तो भवन निर्माण विभाग ने राबड़ी देवी से 10 सर्कुलर रोड बंगले को खाली करने का आदेश जारी कर दिया है. इसके बदले उन्हें नया आवास 39, हार्डिंग रोड दिया जा रहा है, क्योंकि वे अब विधान परिषद में विपक्ष की नेता हैं. तेजस्वी खुद इस समय विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, इसलिए उन्हें 1 पोलो रोड वाला बंगला मिला है.

राबड़ी देवी को औपचारिक रूप से अपना पता बदलना होगा. उन्हें 10, सर्कुलर रोड की जगह आवास 39, हार्डिंग रोड में शिफ्ट होना होगा. 10 सर्कुलर रोड वाला बंगला पूर्व सीएम के नाते मिला था जबकि हार्डिंग रोड वाला 39 बंगला उन्हें विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष के नाते आवंटित किया गया है.

सरकार के द्वारा 10 सर्कुलर रोड छोड़ने की नोटिस देने पर तेज प्रताप यादव ने कहा, 'छोटे भाई (नीतीश कुमार) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और बड़े भाई (लालू यादव) के बंगले को खाली करने का आदेश दे दिया. लालू जी और उनका परिवार अब 10 सर्कुलर रोड के बंगले में नहीं रहेगा। इस घर के जाने के साथ ही नीतीश जी और लालू जी के बीच के भैयारी वाले नैतिक रिश्ते का भी अंत हो गया है.'

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