Pond Schemes: जुलाई का महीना चल रहा है. मॉनसून भी अपना असर दिखा रहा है. कई राज्यों में अच्छी-खासी बारिश हो रही है. कुछ राज्यों में तालाब, पोखरे, झील और नदियां उफान पर हैं. किसान इस मॉनसून के दौरान होने वाली बारिश के पानी संचय कर उसे सिंचाई के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. वही, जिन राज्यों में भूजल स्तर नीचे चला गया है, वहां के किसानों के लिए ये बारिश किसी वरदान साबित हो सकती है.
किसानों को तालाब निर्माण के लिए किया जाता है प्रोत्साहित
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन एक लोकप्रिय व्यवसाय में तब्दील हो गया है. मछली पालन के लिए किसानों को तालाब की जरूरत होती है. इस व्यवसाय में बढ़ते मुनाफे को देखते केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाओं के माध्यम किसानों को प्रोत्साहित भी किया जाता है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित खेत तालाब योजना भी कुछ इसी तरह की पहल है. इस योजना के तहत किसानों को खेत में तालाब बनवाने पर तीन किस्तों में 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है.
इस योजना के तहत सब्सिडी की राशि किसानों के खाते में तीन किस्तों में भेजी जाती है. छोटे तालाब के निर्माण में किसानों के खाते में 52500 रुपये की सब्सिडी आती है. वहीं मध्यम तालाब के निर्माण के दौरान किसानों के खाते में 114,200 रुपये खाते में आते हैं.
तालाब निर्माण का सबसे सही वक्त
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून का महीना तालाब निर्माण का सबसे सही समय है. जुलाई और अगस्त के महीने में तालाब बनवाने के बाद, उसमें पानी भरने की प्रकिया में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. इस प्रकिया के दौरान किसानों को ज्यादा राशि भी नहीं खर्च नहीं करनी पड़ती है. बारिश के पानी से तालाब अपने आप भर जाता है. तालाब के इस पानी का उपयोग आप मछली पालन से लेकर सिंचाई के लिए कर सकते हैं.
अन्य राज्य भी देते हैं सब्सिडी
बता दें कि किसान फार्म पॉन्ड योजना के तहत राजस्थान सरकार 1200 घन मीटर वाले कच्चे फार्म पौण्ड व प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड निर्माण पर अधिकतम लघु व सीमांत कृषकों को लागत का 70 प्रतिशत ( 73500 या 105000) सब्सिडी के रूप में देती है. वहीं, अन्य किसानों लागत का 60 प्रतिशत (63000 या 90000) अनुदान दिया जाता है. इसके देश के और राज्य भी अपने यहां के किसानों को तालाब निर्माण पर कई योजनाओं के माध्यम से अनुदान देते हैं. वहीं केंद्र सरकार भी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों को तालाब निर्माण से लेकर मछली पालन तक पर सब्सिडी देती है.