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गायों पर कहर बनकर टूटा था वायरस, दफनाने की जगह पड़ी थीं कम, अब मुआवजे पर भी फंसा पेंच

राजस्थान सरकार ने बजट में लंपी प्रभावित पशुपालकों को 40 हजार रुपये प्रति गोवंश का मुआवजा देने का फैसला किया है. हालांकि, अब इस पर भी पेंच फंसता नजर आ रहा है. राज्य में  76030 गायों की लंपी से मौत हुई थी. सरकार के मुआवजे के नियमों के मुताबिक 20,444 गोवंशों को इस लिस्ट से हटा दिया गया है.

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Lumpy Virus
Lumpy Virus

साल 2022 पशुपालन क्षेत्र के लिए बेहतर नहीं रहा. लंपी वायरस से हजारों गाय और भैंसों की मौत हो गई थी. राजस्थान में इन पशुओं को दफनाने के लिए जमीनें भी कम पड़ने लगी थी. यहां तक खुले में गायों के शव पड़े देखे गए. हजारों पशुपालकों का दूध का व्यवसाय चौपट हो गया. कमाई का जरिया उनसे छूट गया. अब राजस्थान सरकार ने इन दुधारू पशुओं की मौत पर 40 हजार रुपये प्रति गोवंश का मुआवजा देने का फैसला किया है.

लंपी वायरस से मरे दुधारू पशुओं को मुआवजा

राजस्थान सरकार ने बजट में लंपी प्रभावित पशुपालकों को 40 हजार रुपये प्रति गोवंश का मुआवजा देने का फैसला किया है. अब इसपर भी पेंच फंसता नजर आ रहा है. अब जब मुआवजे के नियम बने तो इसमें मृत गाय में दुधारू होने की शर्त भी जोड़ दी. इसका अर्थ ये हुआ कि मुआवजा सिर्फ मृत दुधारू गायों के मालिकों को ही दिया जाएगा.

20,444 मवेशियों का नाम कटा

दरअसल, राजस्थान में लंपी बीमारी से कुल 76030 मवेशियों की मौत हुई थी. ये सरकारी आंकड़ा है. राजस्थान सरकार सिर्फ दुधारू और उन पशुओं की मौत पर मुआवजा दे रही है, जिन्हें पशु चिकित्सक को दिखाया गया था. किसान तक की रिपोर्ट के मुताबिक विभाग ने 55,586 दुधारू गायों की मौत ही लंपी से होना माना है. इस नियम के कारण लंपी में मरे गोवंश में से 20,444 गोवंश को हटा दिया गया है. सिर्फ 52,760 पशुपालकों को मुआवजे की लिस्ट में शामिल किया है.

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20,444 गोवंश के मुआवजे की लिस्ट से नाम हटने के बाद कई पशुपालकों ने नाराजगी भी जाहिर की है. वहीं, कई पशुपालक मुआवजे की राशि को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं. उनके मुताबिक राजस्थान में एक गाय की औसत कीमत 60 से 70 हजार रुपये है. ऐसे में सिर्फ 40 हजार रुपये का मुआवजा उनके लिए नाकाफी है.

क्या है लंपी वायरस?

लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरस है. यह मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों और टिक्स द्वारा एक पशु के शरीर से दूसरे पशु के शरीर तक यात्रा करता है. लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आने के साथ ही उनकी भूख कम हो जाती है. इसके अलावा चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें बन जाती हैं. साथ ही पैरों में सूजन, लंगड़ापन और नर पशु में काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है. कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है.

 

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