रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) चार दिसंबर से दो दिन के दौरे पर भारत आ रहे हैं. यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद पुतिन का यह भारत का पहला दौरा है.
पुतिन 23वें भारत-रूस समिट में हिस्सा लेने भारत आ रहे हैं. ये दोनों मुल्को के बीच होने वाली सालाना बैठक है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान दोनों नेता तेल से लेकर S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बात कर सकते हैं.
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पुतिन का यह भारत दौरा रास नहीं आने वाला. ट्रंप नहीं चाहते हैं कि भारत किसी भी कीमत पर रूस से तेल खरीदे लेकिन भारत यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से लगातार रूस से किफायती दाम पर कच्चा तेल खरीद रहा है. इससे खफा होकर ट्रंप पहले ही भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा चुके हैं. इस तरह अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा रखा है.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके स्वागत में डिनर होस्ट करेंगी. राष्ट्रपति पुतिन का आने वाला राजकीय दौरा भारत और रूस के आपसी रिश्तों में हुई प्रगति की समीक्षा करने, खास रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का रास्ता तय करेगा. इसके साथ ही दोनों नेता परस्पर लाभ के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे. 18 नवंबर को जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी, तब भी उनके भारत दौरे को लेकर चर्चा हुई थी.
रूस-यूक्रेन जंग के बाद ये पहला मौका होगा जब राष्ट्रपति पुतिन भारत आएंगे. इससे पहले वो साल 2021 में भारत आए थे. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में उनसे मॉस्को में मुलाकात की थी.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत का आखिरी दौरा 6 दिसंबर 2021 को हुआ था. यानी रूस-यूक्रेन जंग के बाद पुतिन पहली बार भारत आएंगे.
पुतिन-मोदी के बीच किन मुद्दों पर बात होगी बात
भारत, रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की और भी यूनिट खरीद सकता है. ये कदम हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान S-400 के शानदार प्रदर्शन के बाद उठाया जा सकता है. अनुमान है कि भारत रूस से S-400 की 5 और यूनिट खरीद सकता है. ऐसे पांच सिस्टम्स की डील पहले ही हुई थी, जिनमें से 3 भारत को मिल चुके हैं. चौथे स्क्वाड्रन की डिलीवरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रुकी हुई है. इसके अलावा पहले से शामिल सिस्टम के लिए बड़ी संख्या में मिसाइलों की खरीद भी इस बातचीत का हिस्सा होगी.
रूस कई मौकों पर कह चुका है कि वो भारत को अपना SU-57 स्टेल्थ फाइटर जेट देने को तैयार है. यह रूस का एडवांस्ड लड़ाकू जेट है. इसके अलावा ब्रह्मोस मिसाइल के अगले वर्जन और दोनों मुल्कों की नौसेनाओं के लिए मिलकर वॉरशिप बनाने जैसी योजनाओं पर भी बातचीत हो सकती है.
रूस ने भारत को Su-57 लड़ाकू विमान के फुल प्रोडक्शन और टेक्नोलॉजी ट्रासंफर की भी पेशकश की है. 5वीं पीढ़ी के विमानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सरकार 84 सुखोई-30MKI विमानों को अपग्रेड करना चाहती है. इसे लेकर भी इस दौरे में बात हो सकती है. रूसी तेल की खरीदारी को लेकर भी रुख साफ हो सकता है. फिलहाल अमेरिका ने पाबंदी लगाकर दबाव बना रखा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन के इस दौरे के दौरान दोनों नेता एक नया पेमेंट सिस्टम बनाने पर सहमत हो सकते हैं, जिससे व्यापार बिना रुकावट चलता रहे. इसमें रुपया-रूबल ट्रेड, डिजिटल भुगतान या किसी तीसरे देश के बैंक का इस्तेमाल जैसे सिस्टम शामिल हो सकती है.