हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता खत्म करने की दिशा में चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है. अब उसने विवादित नेशनल सिक्योरिटी बिल के मसौदे को पारित कर दिया. चीन के इस कानून की कड़ी आलोचना हो रही है. इस कानून में चार तरह के अपराधों को शामिल किया गया है, जिनमें उत्तराधिकार, राज्य शक्ति, स्थानीय आतंकी गतिविधियों और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी या बाहरी शक्तियों के साथ सहयोग करने से जुड़े अपराध शामिल हैं.
बिल में न इन अपराधों की परिभाषा विस्तार से दी गई है और न ही सजा का विवरण दिया गया है. अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि इस कानून का फाइनल संस्करण कब पारित किया जाएगा. फिलहाल इसका मसौदा पारित किया गया है. हालांकि चीन इस बात को कई बार कह चुका है कि वह आलोचनाओं के बावजूद यह कानून बनाएगा और लागू करेगा.
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इस कानून की आलोचना करने वाले लोगों का कहना है कि यह कानून अभिव्यक्ति की आजादी के साथ ही विपक्ष की राजनीतिक गतिविधियों को सीमित कर देगा. पिछले साल हॉन्गकॉन्ग में सरकार विरोधी प्रदर्शन देखने को मिले थे. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी हुई थी, जिसके बाद चीन सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी कानून लाने का फैसला किया.
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चीन इस कानून को हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता को छीनने और उसको कब्जाने के मकसद से लाया है. वहीं, अमेरिका का कहना है कि अगर चीन इस कानून को पारित कर देता है, तो हॉन्गकॉन्ग को दिए गए विशेषाधिकार खत्म कर दिए जाएंगे. दूसरी तरफ ब्रिटेन ने कहा कि अगर चीन हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता खत्म करता है और इस कानून को पारित करता है, तो वह हॉन्गकॉन्ग के लोगों पासपोर्ट देगा और नागरिकता देने का रास्ता खोलेगा.