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उइगरों पर चीन के अत्याचारों की कनाडा ने की सख्त निंदा

चीन की ओर से उइगर और तुर्क समुदायों का दमन दुनिया से छुपा नहीं है. इस मुद्दे पर बीजिंग की आलोचना करने वाले देशों में नया नाम कनाडा का जुड़ा है. कनाडा ने शिनजियांग प्रांत में अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों को लेकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के खराब बर्ताव की निंदा की है.

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उइगरों के लिए चीनी शिक्षा शिविर (फोटो-कर्नल विनायक भट/इंडिया टुडे)
उइगरों के लिए चीनी शिक्षा शिविर (फोटो-कर्नल विनायक भट/इंडिया टुडे)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन में उइगर और तुर्क समुदायों का दमन
  • दुनियाभर के देश चीन की कर रहे आलोचना
  • चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बर्ताव की निंदा

चीन की ओर से उइगर और तुर्क समुदायों का दमन दुनिया से छुपा नहीं है. इस मुद्दे पर बीजिंग की आलोचना करने वाले देशों में नया नाम कनाडा का जुड़ा है. कनाडा ने शिनजियांग प्रांत में अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों को लेकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के खराब बर्ताव की निंदा की है. इसमें बड़े पैमाने पर हिरासत में लेना, अमानवीय व्यवहार, जबरन मजदूरी, व्यापक निगरानी और आबादी नियंत्रण उपाय शामिल हैं.  

गुरुवार को, कैनेडियन हाउस ऑफ कॉमन्स की सब-कमेटी ने शिक्षाविदों, सिविल सोसायटी के सदस्यों और पूर्वी तुर्केस्तान में उत्पीड़न झेलने वाले लोगों की गवाही के आधार पर बयान जारी किया.  पूर्वी तुर्केस्तान को चीन अपने क्षेत्र का हिस्सा कहता है और इसे शिनजियांग नाम से बुलाता है.   

विदेशी मामलों और अंतरराष्ट्रीय विकास पर स्थायी समिति की अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सब कमेटी ने इस साल के शुरू में दो दिन में कुल 12 घंटे सुनवाई की थी.  

रिपोर्ट में कहा गया है कि “सब-कमेटी ने जो कुछ भी सुना वो बहुत परेशान करने वाला है, साथ ही ये सीसीपी के अत्याचारों का दृढ़ता से जवाब देने की आवश्यकता को दर्शाता है.” रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा सरकार को लगता है कि चीन की गतिविधियां उइगर संस्कृति और धर्म को मिटाने की साफ कोशिश है. साथ ही ये मुस्लिमों की आबादी को जबरन अमानवीय कदमों के जरिए घटाने का प्रयास है.  

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उइगरों के लिए चीनी री-एजुकेशन कैम्प का सैटेलाइट फोटो (फोटो-कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड)/इंडिया टुडे)

निर्वासित पूर्वी तुर्केस्तान सरकार ने सब कमेटी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया, “2017 के बाद से 30 लाख से अधिक उइगर, कजाख, किर्गिज़ और अन्य लोगों को कंसंट्रेशन कैम्पों, जेलों और अन्य बंधुआ मजदूरी शिविरों में रहने को मजबूर किया गया है. ये पूर्वी तुर्केस्तान में चीन के क्रूर उपनिवेशवादी अभियान का हिस्सा है, जिसमें नरसंहार और कब्जा करना भी शामिल है.” 

पूर्वी तुर्केस्तान सरकार (निर्वासित) के प्रधान मंत्री सालीह हुदायार ने कहा, “हम कनाडाई संसद और उन सभी को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने उइगर और अन्य तुर्क लोगों के खिलाफ चीन के अत्याचारों को नरसंहार ठहराने के लिए अथक परिश्रम किया. यह न्याय प्राप्त करने और पूर्वी तुर्केस्तान में उपनिवेश, नरसंहार और कब्जे की चीन की लंबी मुहिम को खत्म करने की दिशा में एक अहम कदम है.” 

उइगरों के लिए चीनी री-एजुकेशन कैम्प का सैटेलाइट फोटो (फोटो-कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड)/इंडिया टुडे)

कनाडाई सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पूर्व तुर्केस्तान उर्फ ​​शिनजियांग में सीसीपी के मानवाधिकारों के हनन की निंदा करने की अपील की है.  

16 अक्टूबर को, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन ने कहा कि “चीन शिनजियांग में मुसलमानों से बर्ताव में "नरसंहार नहीं तो कुछ नरसंहार जैसे के ही करीब" था. उन्होंने उइगर महिलाओं पर CCP की ओर से अपनाई जा रहे दमन के एक और तरीके का खुलासा किया. जबरन नसबंदी का विरोध कर रही इन उइगर महिलाओं के सिर के बाल काट दिए जाते हैं. और उन बालों के उत्पादों को अमेरिका में बेचा जाता है.”  

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इंडिया टुडे ओपन सोर्स इंटेलीजेस (OSINT)  टीम ने पहले सैटेलाइट तस्वीरों का इस्तेमाल करके उइगर समुदाय पर चीन के अत्याचारों का खुलासा किया था. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की देखरेख में बनाए गए गुलागों का इस्तेमाल जबरन बल प्रयोग और मनोवैज्ञानिक दबाव के जरिए खास राजनीतिक विचारधारा को थोपने के लिए होता है.  

नया सबूत  

इस संकेत पर दुनिया भर के कई संगठनों ने गौर किया और ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्ट हासिल करने के लिए प्रयास किए. इसमें एक नया सबूत सामने आया कि सीसीपी की ओर से परिवारों को अलग किया जा रहा है जिससे कुछ निश्चित इस्लामी नामों को बदलने के लिए लिखित बयान हासिल किए जा सकें. इन नामों को चीनी सरकार पसंद नहीं करती.   

समुदायों से ऐसे ‘आग्रह’ भी जुटाए जाते हैं जिनमें अधिकारियों से मस्जिदों के रीनोवेशन की मांग होती है. ये वास्तव में इमारतों की इस्लामी वास्तुकला को बदलने की साजिश है जिससे कि ये इमारतें मस्जितों की जगह चीनी प्रार्थना कक्षों की तरह नजर आएं.  

उइगरों के लिए चीनी री-एजुकेशन कैम्प का सैटेलाइट फोटो (फोटो-कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड)/इंडिया टुडे)

शिनजियांग की ताजा रिपोर्ट सबसे चौंकाने वाली है. इंडिया टुडे टीवी ने जर्मन मानवविज्ञानी एड्रियन जेन्ज की रिपोर्ट को कवर किया, जिसमें कहा गया है कि सीसीपी की ओर से मुस्लिम महिलाओं को बड़े पैमाने पर नसबंदी के लिए मजबूर किया जा रहा है. 

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जेम्सटाउन फाउंडेशन की रिपोर्ट 

वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक जेमस्टाउन फाउंडेशन ने सीसीपी अत्याचारों के सर्ववाइवर्स के बीच एक शोध किया. 29 जून को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक उन गतविधियों का साफ उल्लेख है जिन्हें संयुक्त राष्ट्र जीनोसाइड कंवेंशन के तहत जीनोसाइड (नरसंहार) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. 
 

इंडिया टुडे OSINT टीम ने इस रिपोर्ट को एड्रियन जेन्ज के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के साथ कवर किया. जिससे कि खुलासा हो सके कि शिनजियांग में सीसीपी की ओर से क्या क्या किया जा रहा है. रिपोर्ट से पता चलता है कि सीसीपी ने शिनिजयांग में उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों के दमन के तहत महिलाओं की बड़े पैमाने पर नसबंदी का अभियान छेड़ रखा है. इसमें "नसबंदी, अनिवार्य बर्थ कंट्रोल और जबरन गर्भपात जैसे क्रूर कदम शामिल है.  

रिपोर्ट के मुताबिक “शिनजियांग में प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि में नाटकीय रूप से गिरावट आई है; 2015 और 2018 के बीच दो सबसे बड़े उइगर प्रीफेक्चर में 84% तक विकास दर गिरी और 2019 में कई अल्पसंख्यक क्षेत्रों में और गिरावट आई.


 

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