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ब्रिटिश जज ने पूछा, ‘ये चौके और छक्के क्या होते हैं?’

ब्रिटेन भले ही क्रिकेट का जनक हो लेकिन ऐसा नहीं है कि हर ब्रिटिश इस खेल को जानता ही हो. क्योंकि लंदन हाईकोर्ट में ऐसा ही कुछ देखने को मिला. यहां जज ने पूछा कि ‘ये चौके और छक्के क्या होते हैं.’ क्रिकेट मैदान के करीब स्थित गांव की एक पुरानी भट्टी के मामले में हाईकोर्ट की जज बेवरले लैंग ने यह सवाल पूछा.

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Symbolic Image
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ब्रिटेन भले ही क्रिकेट का जनक हो लेकिन ऐसा नहीं है कि हर ब्रिटिश इस खेल को जानता ही हो. क्योंकि लंदन हाईकोर्ट में ऐसा ही कुछ देखने को मिला. यहां जज ने पूछा कि ‘ये चौके और छक्के क्या होते हैं.’ क्रिकेट मैदान के करीब स्थित गांव की एक पुरानी भट्टी के मामले में हाईकोर्ट की जज बेवरले लैंग ने यह सवाल पूछा.

वह उस मामले की सुनवाई कर रही थीं, जिसमें ईस्ट मियोन फोर्ज और क्रिकेट ग्राउंड प्रोटेक्शन एसोसिएशन ने एक मंजिला कार्यशाला की पहली मंजिल में आवासीय परिसर बनाने की ईस्ट हैंपशर डिस्ट्रिक्ट काउंसिल की अनुमति को चुनौती दी थी. एसोसिएशन की तरफ से उपस्थित राबर्ट फूक्स ने न्यायमूर्ति लैंग से कहा कि इस निर्माण पर आपत्ति का कारण यह है कि यह क्रिकेट मैदान के काफी करीब है और बल्लेबाज इस क्षेत्र में नियमित रूप से चौके और छक्के लगाते हैं. इनमें कुछ शॉट इमारत की छत पर भी चले जाते हैं.’

हैरान जज ने कहा, ‘मैं क्रिकेट नहीं खेलती, इसका मतलब क्या है.’ बेलफास्ट टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार फूक्स ने बताया कि क्रिकेट में छक्का तब लगता है जब गेंद मैदान को छूए बिना सीमा रेखा के बाहर जाए, जबकि चौके में गेंद मैदान को छूकर सीमा रेखा पार जाती है. उन्होंने यहां तक बताया कि चौके और छक्के के दौरान बल्लेबाज को रन के लिए दौड़ना नहीं पड़ता है. न्यायमूर्ति लैंग ने इसके बाद खेल को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की.

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- इनपुट भाषा से

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