पश्चिम बंगाल में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत चुनाव आयोग (EC) उन वोटर्स को समन भेजेगा जिनका ब्योरा 2002 की मतदाता सूची से मैच नहीं हो पाया है, और जिनके माता-पिता की उम्र में 15 साल या उससे अधिक का 'संदिग्ध अंतर' पाया गया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. सुनवाई अगले हफ्ते से शुरू होगी.
माता-पिता की उम्र में असामान्य अंतर दिखाने वालों को नोटिस
अधिकारी ने बताया कि जिन मतदाताओं के नामांकन फॉर्म में गड़बड़ियां हैं या माता-पिता की उम्र में असामान्य अंतर दिख रहा है, उन्हें बुलाकर विवरण की पुष्टि की जाएगी ताकि मतदाता सूची पूरी तरह सटीक हो सके. इस चरण में आयोग सभी रिकॉर्ड की जांच करेगा और मतदाताओं को जानकारी स्पष्ट करने का मौका देगा.
57 लाख मतदाता ‘अनकलेक्टेबल’ या ‘अनट्रेसेबल’ कैटेगरी में
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 57,52,207 मतदाताओं को ‘अनकलेक्टेबल’ या ‘अनट्रेसेबल’ की कैटेगरी में रखा गया है. इनमें 24,14,750 मृतक, 11,57,000 से अधिक जिनका पता नहीं चल पाया, 19,89,914 जो दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं, 13,05,627 जिनके नाम कई जगह दर्ज हैं, और 11,57,000 से अधिक जिनके फॉर्म विभिन्न कारणों से इकट्ठे नहीं हो पाए.
जिलों का दौरा करेंगे स्पेशल रोल ऑब्जर्वर
अधिकारी के अनुसार, 'यह सभी कदम चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे हैं कि हर पात्र मतदाता के नाम सही रूप से सूची में दर्ज हों.' इसी बीच, SIR प्रक्रिया की निगरानी के लिए नियुक्त चुनाव आयोग के पांच स्पेशल रोल ऑब्जर्वर गुरुवार से जिला दौरे शुरू करेंगे. बुधवार को राज्य पहुंचने के बाद उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) के कार्यालय में बैठक की और स्थिति की समीक्षा की.