UP News: बांदा पुलिस ने एक परिवार को ऐसी खुशियां दे दीं जिनकी वो उम्मीद छोड़ चुका था. दरअसल एक बच्चा जो 6 साल की उम्र में अमावस्या मेले की भीड़ में मां से बिछड़ गया था और पुलिस ने 10 साल बाद उसे खोजा है. बच्चा मिलने की सूचना की खुशी में गुजरात से बगैर टिकट ट्रेन यात्रा करके मां बांदा पहुंची और अपने लाल को गले से लगा लिया. यह दृश्य जिसने भी देखा, वह अपने आंसू रोक नहीं पाया. बेबस-लाचार मां ने पुलिस कप्तान और उनकी टीम को बहुत धन्यवाद किया है.
दरअसल, साल 2015 में चित्रकूट के अमावस्या से एक 6 साल का बच्चा अपनी मां से बिछड़ गया था. मां चित्रकूट में मजदूरी करके परिवार चलाती थी. मां का एक ही सहारा था, जो लापता हो गया था. मां ने बच्चे को खोजने के लिए जी जान लगा दिया. लेकिन कुछ पता नहीं चल सका. अंत में थक हारकर बैठ गयी.
इसके बाद बीते कुछ माह पहले एक बच्चा जिले के मटौंध थाना इलाके में रेलवे लाइन पर अकेले भटक रहा था. सूचना पर पुलिस ने पूछताछ की तो बच्चे ने बताया कि वह मर्का थाना इलाके का रहने वाला है. पुलिस टीमों ने परिजनों की खोजबीन की लेकिन कोई सम्पर्क नहीं हुआ.
अंत में पता चला कि बच्चे की मां गुजरात में रहकर मजदूरी करती है. पुलिस ने सूचना दी. बेबस लाचार मां का एक ही सहारा था. मिलने की सूचना पर काम छोड़ बगैर टिकट गुजरात से बांदा पहुंची. बच्चे से मिलते ही उसे गले लगाया और फूट-फूटकर रोने लगी. मां को फफकते देख बच्चा भी सुबक-सुबककर रोने लगा.
मां संगीता ने बताया कि वो चित्रकूट में रहकर मजदूरी करती थी, जहां से खेलते खेलते बच्चा 10 साल पहले लापता हो गया था, उसके एक ही बच्चा था. उसने तब से लगाकर अब तक खोजबीन जारी रखी लेकिन कुछ पता नहीं चला.
आरोप है कि बच्चा ललितपुर में था, जिसको कुछ लोग ले गए थे. अब बांदा पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल और उनकी टीम ने बच्चा खोजकर दिया है. मां के खुशी के आंसू देख पुलिस कर्मी भी भावुक हो गए.
ASP शिवराज ने बताया, बांदा में बाल सरंक्षण की टीम ने एक लापता बच्चे को उसकी मां को सौंपा है. इसके अलावा, बच्चे को जो लोग ले गए थे, उनके खिलाफ केस दर्ज करके आगे की कानूनी कार्रवाई कराई जा रही है.