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नोएडा: यमुना में जलस्तर बढ़ने से जेवर-रबूपुरा में पांच बाढ़ चौकियां बनाई गईं

यमुना नदी में जलस्तर लगातार बढ़ने से नोएडा के जेवर और रबूपुरा क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पांच स्थानों पर बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी हैं.

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खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना (Photo: PTI)
खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना (Photo: PTI)

यमुना नदी में जलस्तर लगातार बढ़ने से नोएडा के जेवर और रबूपुरा क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पांच स्थानों पर बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी हैं और सभी कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए हैं. अधिकारियों के अनुसार, यमुना का पानी जेवर क्षेत्र के आसपास के गांवों, फलाईदा खेड़ा, करौली बंगर, मेहंदीपुर, सिरौली बंगर, पलहाका और बेगमाबाद — के खेतों में घुसना शुरू हो गया है.

पांच जगहों पर बाढ़ चौकियां बनाई गईं
जेवर तहसीलदार ओमप्रकाश पासवान ने बताया, 'सभी बाढ़ चौकियां और कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं. जेवर में पांच जगहों पर बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं. प्राइमरी स्कूल नेवला, प्राइमरी स्कूल झुप्पा, शिव मंदिर भैपुर ब्राह्मणन, अपर प्राइमरी स्कूल फलाईदा बंगर और जनता इंटर कॉलेज जेवर. उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं.

दिल्ली का पुराना रेलवे पुल, जो यमुना के जलस्तर की निगरानी का अहम बिंदु है, गौतमबुद्ध नगर जिले के लिए भी महत्वपूर्ण मानक माना जाता है. दिल्ली और गौतमबुद्ध नगर जिले के अधिकारी यहां के आंकड़ों के आधार पर समन्वय करते हैं.

यमुना का जलस्तर 205.79 मीटर दर्ज किया गया
मंगलवार सुबह 8 बजे पुराना रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 205.79 मीटर दर्ज किया गया, जो 206 मीटर की निकासी स्तर से थोड़ा ही कम है. सोमवार दोपहर को जलस्तर 205.55 मीटर पर पहुंच गया था, जिससे उसने 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर लिया था. इसके बाद से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

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बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, फिलहाल हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगभग 38,361 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि वजीराबाद से हर घंटे करीब 68,230 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पानी की निकासी इसी तरह जारी रही तो आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं.

प्रशासन का दावा है कि बाढ़ चौकियों पर पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की गई है. वहीं स्थानीय लोगों के बीच बाढ़ की आशंका को लेकर चिंता बढ़ गई है.

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