मथुरा की एक अदालत ने फरह क्षेत्र के ग्राम प्रधान हरेंद्र को घर से जबरन उठाकर फर्जी मुठभेड़ में फंसाने के मामले में बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने हाथरस कोतवाली प्रभारी और एसओजी प्रभारी समेत 15 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है. प्रधान के पिता ने पुलिस पर 50,000 रुपये और मोबाइल फोन भी ले जाने का आरोप लगाया था.
दरअसल, ग्राम प्रधान हरेंद्र के पिता गजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि 25 फरवरी को एसओजी प्रभारी धीरज गौतम और कोतवाली प्रभारी सत्येंद्र सिंह राघव भारी पुलिस बल के साथ दीवार फांदकर उनके फरह स्थित घर में घुसे. उन्होंने प्रधान हरेंद्र को मारा-पीटा और गाड़ी में डालकर उठा ले गए. जाते समय पुलिसकर्मियों ने हरेंद्र और उनकी पत्नी के मोबाइल फोन और घर में रखे पचास हजार रुपए की नकदी भी ले ली.
गजेंद्र सिंह ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में कुल 11 नामजद पुलिसकर्मियों, जिसमें उप निरीक्षक सत्यवीर सिंह, रणजीत सिंह, राधा कृष्ण, मुख्य आरक्षी मनोज कुमार, राजेश कुमार, आरक्षी अरविंद कुमार, योगेश, नीलेश, धीरज और चालक विकास बाबू शामिल थे, सहित 4-5 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत की थी. आरोप है कि प्रधान को फरह से ले जाकर सादाबाद कोतवाली (हाथरस) क्षेत्र में रात 10 बजे फर्जी मुठभेड़ में फंसाया गया, जिसमें उन्हें जान से मारने की नीयत से टांगों में गोली मारी गई थी.
वादी गजेंद्र सिंह ने अपने बेटे हरेंद्र के खिलाफ फर्जी मामला बनाए जाने के प्रभावी प्रमाण कोर्ट में पेश किए. उन्होंने घर में जबरन घुसने की सीसीटीवी फुटेज, टोल से पुलिस की गाड़ी के निकलने के सबूत और पुलिस टीम के मोबाइलों की फरह में उपस्थिति की लोकेशन जैसे प्रमाण न्यायालय में प्रस्तुत किए.
मथुरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्सव गौरव राज ने 27 नवंबर को सुनवाई करते हुए फरह थाना प्रभारी को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने का निर्देश दिया. फरह थाना प्रभारी त्रिलोकी सिंह ने बताया कि उन्हें आदेश मिल चुका है और मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है.