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कुलपति विनय पाठक केस की CBI जांच की मंजूरी, फैसले के खिलाफ HC पहुंचा डेनिस

कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच को मंजूरी मिल गई है. वहीं डेविड डेनिस ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सीबीआई जांच का विरोध करते हुए याचिका डाली थी. याचिका में कहा कि बिना वादी की मंजूरी के सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है.

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कुलपति विनय पाठक पर कमीशन मांगने का आरोप है
कुलपति विनय पाठक पर कमीशन मांगने का आरोप है

कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच को मंजूरी मिल गई है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सीबीआई जांच के लिए भेजे गए पत्र को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने मंजूर कर लिया है. इस मामले में जल्द सीबीआई जांच शुरू करेगी.

बीते 30 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में प्रोफेसर विनय पाठक और उनके करीबी अजय मिश्रा पर दर्ज केस की सीबीआई से जांच कराने के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को सिफारिश पत्र भेजा था. कार्मिक मंत्रालय ने सीबीआई जांच की सिफारिश को मंजूर कर लिया है. सीबीआई इस केस में सहमति देकर जांच शुरू करेगी.

क्या है पूरा मामला

बीते 29 अक्टूबर को लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में digitex technology India private limited के एमडी डेविड डेनिस ने प्रोफेसर विनय पाठक और उनके करीबी अजय मिश्रा पर ठेके में कमीशन वसूली, वसूली के लिए बंधक बनाने समेत कई धाराओं में केस दर्ज कराया था.

आरोप लगाया गया कि साल 2019-20 और 2020-21 में डेविड डेनिस की कंपनी ने आगरा विश्वविद्यालय की प्री और पोस्ट परीक्षा में प्रिंटिंग का काम किया था, इसके बिल के भुगतान के लिए ही विनय पाठक कमीशन की मांग कर रहे थे, आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति के चार्ज पर रहते हुए विनय पाठक ने डेविड डेनिस के बिल को मंजूर करने के एवज में अजय मिश्रा के जरिए तीन बार में एक करोड़ 41 लाख रुपए वसूले थे.

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दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया कि जब डेविड ने विनय पाठक को आगे कमीशन नहीं दिया तो आगरा विश्वविद्यालय में प्रिंटिंग का काम अजय मिश्रा की कंपनी XLICT को दे दिया गया था. डेविड डेनिस की एफआईआर पर  जांच करते हुए यूपी एसटीएफ और लखनऊ पुलिस ने सबसे पहले विनय पाठक के करीबी अजय मिश्रा को गिरफ्तार किया.

अजय मिश्रा से पूछताछ के बाद दिल्ली के व्यापारी अजय जैन और फिर संतोष सिंह को गिरफ्तार किया था. विनय पाठक का बयान दर्ज करने के लिए यूपीएसडीएम तीन बार नोटिस भेज चुकी है, लेकिन यूपी एसटीएफ के नोटिस के बावजूद विनय पाठक हाजिर नहीं हुए.

उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बीते 30 दिसंबर को सीबीआई से जांच कराने के लिए सिफारिश की थी, जिस पर कार्मिक मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. वहीं डेविड डेनिस ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सीबीआई जांच का विरोध करते हुए याचिका डाली थी. याचिका में कहा कि बिना वादी की मंजूरी के सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में यूपी पुलिस ही करे. डेविड डेनिस की इस याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई होनी है.

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