यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के कपिलवस्तु से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है. यहां एक नाबालिग लड़की ने स्थानीय मुस्लिम युवक और उसके साथियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता का कहना है कि आरोपी ने उसे प्रेमजाल में फंसाया, उसके साथ जबरन संबंध बनाए, उसका वीडियो भी बनाया और फिर लगातार ब्लैकमेल करता रहा.
आरोप है कि जब इससे भी मन नहीं भरा तो उसने वीडियो 8 से अधिक दोस्तों को दे दिया, फिर जब जिसका मन किया, उसने लड़की को धमकाकर बुला ले जाते और नशीली दवा देकर उसके साथ बलात्कार करते. इस मामले में अब पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि पीड़िता और परिजनों का आरोप है कि थाने के कुछ अधिकारियों ने समझौते का दबाव बनाया और रुपये दिलवाने की पेशकश की.
कैसे सामने आई पूरी कहानी
पीड़िता ने लगभग सात महीने तक चुप्पी साधे रखी. लेकिन जब दबाव और धमकियां बढ़ती गईं, तब आखिरकार उसने अपनी बहन को सब कुछ बता दिया. बहन ने तुरंत परिवार को जानकारी दी और फिर परिजन कपिलवस्तु थाने पहुंचे. वहां उन्होंने लिखित तहरीर देकर मामले में कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद केस दर्ज किया, मेडिकल जांच कराई और न्यायालय में धारा 164 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज कराया. शुरुआती कार्रवाई के बाद, पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही और कहा कि बाकी की तलाश जारी है.
रात में समझौते का दबाव बनाने का आरोप
मामले में नया मोड़ तब आया जब पीड़िता और उसके परिवार ने पुलिस पर ही गंभीर आरोप लगा दिए. पीड़िता का कहना है कि केस दर्ज होने के कुछ दिन बाद रात के करीब 12 बजे पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे और समझौते का दबाव बनाने लगे. पीड़िता के अनुसार, पुलिस ने परिवार से कहा कि वे समझौता कर लें, उन्हें बीस लाख रुपये दिलवा दिए जाएंगे. जब परिवार ने इनकार किया, तो उन्हें धमकाया गया.पीड़िता ने मीडिया के सामने कहा कि हमें कहा गया कि 20 लाख रुपये लेकर मामला खत्म कर दो. हमने कहा हमें पैसे नहीं चाहिए, हमें इंसाफ चाहिए. पुलिसकर्मी खुद समझौते की बात कर रहे थे. जब हमने मना किया तो हमें धमकाया गया. अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम जी कर क्या करेंगे? परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने उन्हें और अधिक धनराशि दिलवाने का प्रस्ताव दिया ताकि मामला शांत किया जा सके.
न्याय की गुहार के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची पीड़िता
लगातार कार्रवाई न होने से नाराज पीड़िता ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची, जहां उसने ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग की. कार्यालय परिसर में पीड़िता के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग जुटे और आरोपियों को सजा दो, सजा दो के नारे लगाए. ज्ञापन में पीड़िता ने लिखा कि मामले को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है और पुलिस की ओर से सही जानकारी नहीं दी जा रही. उसने प्रशासन से मांग की कि सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और पुलिस की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए.
5 आरोपी गिरफ्तार, बाकी की तलाश जारी
इस मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) प्रशांत कुमार प्रसाद ने बताया कि मामला बेहद संवेदनशील है और पुलिस ने इसे प्राथमिकता से लिया है. उन्होंने कहा कि 26 अक्टूबर को थाना कपिलवस्तु में प्राप्त प्रार्थना पत्र के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया. पीड़िता का मेडिकल परीक्षण और न्यायालय में बयान दर्ज कराया गया. अब तक इस प्रकरण में पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. शेष आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की टीमें सक्रिय हैं. दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. एएसपी ने यह भी कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई से भी परहेज नहीं किया जाएगा.
परिवार की मांग उच्चस्तरीय जांच और फास्ट ट्रैक ट्रायल
पीड़िता और उसका परिवार अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उच्चस्तरीय जांच और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग कर रहा है. परिवार का कहना है कि उन्हें केवल न्याय चाहिए, चाहे इसके लिए कितनी भी लंबी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े. पीड़िता की बहन ने कहा, हम किसी तरह का समझौता नहीं चाहते. हमारी बहन के साथ जो हुआ है, उसका इंसाफ ही हमारी एकमात्र मांग है. अगर आरोपी खुले घूमते रहेंगे तो समाज में कोई लड़की सुरक्षित नहीं रहेगी.