यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को मंगलवार की रात सीतापुर के महोली बॉर्डर के पास से गिरफ्तार कर पुलिस देवरिया पहुंची. सदर कोतवाली में पूछताछ के बाद उनका मेडिकल कराया गया, जिसके बाद उन्हें भारी सुरक्षा के बीच CJM कोर्ट में पेश किया गया. बुधवार को कोर्ट ने उन्हें 23 दिसंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में देवरिया जिला कारागार भेज दिया.
कोर्ट में पेशी के दौरान मीडिया के कैमरे के सामने अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उनकी हत्या कराई जा सकती है. उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए. इस बीच पुलिस उन्हें बात करने से मना करते हुए जबरन कोर्ट के अंदर ले कर चली गई. घटना का वीडियो सामने आया है.
शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने बताया कि वर्ष 1999 में अमिताभ ठाकुर देवरिया के SP पद पर कार्यरत थे. पत्नी नूतन ठाकुर के नाम से शहर के पुरवा इंडस्ट्रियल एरिया में आवंटन कराया था. बाद में 2002 में लाभ लेकर उसे बेच दिया. इसमें सरकारी पद पर रहते हुए कूटरचित अभिलेखों के सहारे सरकारी जमीन की खरीद फरोख्त की गई थी.
इस मामले में सदर कोतवाली में सजंय शर्मा की तहरीर पर मुकदमा संख्या 1021/25, विभिन्न धाराओं में 419, 420,467,468,471,120 बी के तहत केस दर्ज हुआ था. 1999 के इसी मामले में गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने पूर्व आईपीएस को जेल भेजा है.
देवरिया प्लॉट आवंटन मामला: पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार
लखनऊ पुलिस ने पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को देवरिया में गलत ढंग से औद्योगिक प्लॉट लेने के मामले में गिरफ्तार किया है. दिल्ली जाते समय उन्हें गिरफ्तार किया गया.
मामला 1999 का है जब अमिताभ ठाकुर देवरिया में एसपी थे. आरोप है कि उन्होंने और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने जिला उद्योग केंद्र से औद्योगिक प्लॉट (B2) आवंटित कराते समय सरकारी विभागों को गुमराह किया. लखनऊ के तालकटोरा थाने में दर्ज FIR के मुताबिक, प्लॉट लेते समय नूतन ठाकुर ने अपना नाम नूतन देवी, पति का नाम अभिजात ठाकुर और पता बिहार का दिखाया था. बाद में उन्होंने असली नाम-पते के साथ यह प्रॉपर्टी बेच दी. FIR में अमिताभ ठाकुर पर पद का दुरुपयोग करने और खरीद-बिक्री में सरकारी विभागों और बैंक को धोखा देने का आरोप है.
इस मामले की जांच लखनऊ की पश्चिमी जोन SIT कर रही थी, जिसने पुष्टि के बाद गिरफ्तारी की. दो दिन पहले, वाराणसी में भी कफ सिरप मामले में सोशल मीडिया पर गलत तथ्य फैलाने के आरोप में उन पर FIR दर्ज हुई थी.