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कब सुलझेगा शोभित मोदी हत्याकांड?

5 मई 2011 को दिल्ली के वसंत कुंज में हुए एक हत्याकांड ने सबको दहला दिया था. वसंत कुंज इलाके में रहने वाले आईटी स्टूडेंट शोभित मोदी को चाकुओं से गोद कर मार डाला गया था. इस हत्याकांड को 1 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अभी तक दिल्ली पुलिस के हाथ कातिल का कोई सुराग नहीं लगा है. 1 साल की तफ्तीश में कुछ खुलासे तो हुए हैं, लेकिन अभी ये पूरा केस एक पहेली बना हुआ है.

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5 मई 2011 को दिल्ली के वसंत कुंज में हुए एक हत्याकांड ने सबको दहला दिया था. वसंत कुंज इलाके में रहने वाले आईटी स्टूडेंट शोभित मोदी को चाकुओं से गोद कर मार डाला गया था. इस हत्याकांड को 1 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अभी तक दिल्ली पुलिस के हाथ कातिल का कोई सुराग नहीं लगा है. 1 साल की तफ्तीश में कुछ खुलासे तो हुए हैं, लेकिन अभी ये पूरा केस एक पहेली बना हुआ है.

20 साल का शोभित वसंतकुंज में रहता था, उसके पिता सूरज मोदी एक बड़ी पब्लिक सेक्टर कंपनी में जनरल मैनेजर हैं. शोभित की जिंदगी के आखिरी 13 मिनट में ही उसकी मौत का रहस्य छुपा है, लेकिन इन 13 मिनटों का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है.

13 मिनट में ऐसा क्या हो गया कि शोभित की जिंदगी ही खत्म हो गई. जाहिर है कातिल और कत्ल की वजह दोनों ही सुराग मॉल और शोभित के घर के बीच ही कहीं छुपा है.क्योंकि कत्ल की रात शोभित वसंत कुंज मॉल से ऑटो में अपने घर लौट रहा था. मॉल से शोभित के घर की दूरी करीब 3 किलोमीटर है. अगर ऑटो से ये दूरी तय की जाए तो मुश्किल से दस मिनट का वक्त लगना चाहिए, लेकिन कत्ल की रात ऐसा नहीं हुआ, तो क्या रास्ते में कुछ हुआ था? अगर हां, तो क्या? 5 मई 2011 की देर शाम से रात नौ बज कर चालीस मिनट तक क्या कुछ हआ?

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मॉल में शोभित कुल छह दोस्तों के साथ था, तीन लड़की और तीन लड़के. इनमें से एक शोभित की गर्लफ्रैंड थी. दोनों की स्कूल के जमाने से ही दोस्ती थी. शोभित की गर्लफ्रेंड ने कत्ल वाले दिन शाम को अपनी मां को अचानक फोन किया, उसे मॉल बुलाया और फिर घबराई हुई मॉल से घर चली गई.

बाकी सभी पांच दोस्त भी इसके बाद मॉल से सीधे अपने-अपने घर ही गए थे. इनमें से फिर किसी की शोभित से फोन पर भी बात नहीं हुई. दोस्तों के घर जाने के बाद शोभित के सेल पर दो कॉल आए. दोनों उसकी एक और दोस्त निहारिका के थे. निहारिका से ही शोभित ने आखिरी बार बातचीत की थी. और वो निहारिका ही थी जिसने बताया कि दूसरी बार कॉल करने पर शोभित का मूड खराब था.

निहारिका ने ही बाद में गार्ड के बताने पर शोभित के घरवालो क फोन किया था. यहां तक तस्वीर बिलुक्ल साफ है. पर पेंच इसके बाद ही शुरू होता है, क्योंकि शोभित के आखिरी 13 मिनट का ना कोई चश्मदीद है और न कोई सुराग. अलबत्ता कुछ चीजें ऐसी जरूर हैं जो कत्ल के इस केस पर गहरी रोशनी डालती हैं. जैसे कि शोभित को लूटपाट के लिए नहीं मारा गया. शोभित जब लड़ख़ड़ता हुआ गेट के बाहर आकर गिरा तब उसकी जेब में ना सिर्फ़ तीन हज़ार रुपए मौजूद थे, बल्कि करीब 40 हजार रुपए का एपल का महंगा आई-फ़ोन और कलाई में टी-शॉट की बेशकीमती घड़ी भी बंधी हुई थी. यानी उसके साथ लूटपाट नहीं हुई थी.

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शोभित किसी मुसीबत में भी नहीं था कत्ल से ठीक 3 मिनट पहले शोभित की निहारिका से बातचीत हुई. तब उसका मूड जरूर खराब था. पर अगर वो किसी परेशानी या मुसीबत में घिरा होता तो निहारिका को जरूर बताता. फिर शोभित ऑटो से घर आ रहा था, और मॉल से घर की दूरी मुश्किल से 2-3 किलोमीटर थी.

शोभित कहीं रास्ते में रुका था? शोभित मॉल से रात नौ बज कर दस मिनट पर घर जाने के लिए ऑटो में बैठा था. जबकि निहारिका का दूसरा फोन नौ बज कर 27 मिनट पर आया था, और तब भी शोभित ऑटो में ही था. आखिरी बार जब शोभित की निहारिका से बात हुई उस वक्त मॉल से निकले उसे 17 मिनट हो चुके थे, और तब भी शोभित घर के करीब नहीं पहुंचा था. यानी शोभित सीधे घर नहीं गया था वो रास्ते में कहीं रुका था, या फिर उसे जबरन या धोखे से रोका गया था?

शोभित मॉल से ऑटो पर घर के लिए निकला था, पर घर के गेट पर वो पैदल पहुंचता है. मॉल और शोभित के घर के बीच सड़क किनारे एक छोटा सा हिस्सा ऐसा भी है, जो बिल्कुल सूनसान है, इस इलाके में पहले भी कई वारदात हो चुकी हैं. तो क्या शोभित इसी सुनसान इलाके का शिकार बना? अगर शोभित ऑटो में सचमुच मॉल से घर ही जा रहा था तो फिर उसके कत्ल की कहानी का सच इसी तीन मिनट के रास्ते में छुपा है जो सबसे ज्यादा सुनसान है.

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क्या शोभित इस सुनसान रास्ते पर रुका था? क्या रास्ते में उसने सिगरेट खरीदी थी? क्या शोभित का कोई दोस्त रास्ते में उससे मिला था? या फिर पहले से वहां कोई घात लगाए उसका इंतज़ार कर रहा था? या फिर वो रोडरेज का शिकार हुआ? इन तमाम सवालों के बीच तफ्तीश के दौरान एक और सच भी सामने आया. सच ये कि शोभित को कुछ वक्त से धमकी भी मिल रही थी, और ये धमकी उसे उसकी गर्लफ्रेंड के घरवालों की तरफ से मिल रही थी जो सकूल के वक्त से ही उसीक दोस्त थी.

कुछ महीने पहले ये धमकी शोभित की उसी गर्लफ्रेंड के पिता ने दी थी. शोभित की गर्लफ्रेंड के पिता बाकायदा उसके घर गए थे और उसके घरवालों के सामने ये धमकी दी थी. उन्होंने ये भी चेताया था कि क्राईम ब्रांच के ऑफिसर से उनकी जान-पहचान है. इस धमकी के बाद शोभित का अपनी गर्लफ्रेंड से मिलना-जुलना कम हो गया था. ऐसा लगने लगा था कि दोनों का ब्रेक-अप हो गया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी, दोनों चोरी छुपे बातें करते और मिलते भी थे.

तो क्या प्यार की वजह से शोभित की जान गई? जाहिर है पुलिस ने भी इस बारे में दोनों परिवार से बात की, उसकी गर्लफ्रेंड से भी बात की. पर सबूत कुछ नहीं मिला. पूछताछ एक सच और सामने आया कि शोभित की गर्लफ्रेंड का एक पुराना ब्वायफ्रेंड भी है. और उसे इन दोनों का रिश्ता पसंद नहीं था. तो कहीं कत्ल की वजह लव ट्रायंगल तो नहीं?

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क्या शोभित लूट की कोशिश का शिकार बना? या रोडरेज़ ने उसकी जान ली? या फिर कत्ल के पीछे लव ट्रायंगल का कोई मामला है? वारदात के दो दिन बाद पुलिस ने शोभित के घर से कुछ दूर उसी सूनसान इलाके से एक चाकू बरामद किया. पर कत्ल इसी चाकू से किया गया है, ये पुलिस आजतक पता नहीं लगा सकी. फिलहाल पुलिस की तफ्तीश भी लव ट्रायंगल पर आकर ठहर गई है. पुलिस के शक की कई वजहें भी हैं, मसलन अब तक की तफ्तीश के बाद पुलिस ये मान कर चल रही है कि कत्ल में एक से ज्यादा लोग शामिल थे, यानी शोभित पर हमला कई लोगों ने मिलकर किया और हमला पूरी तैयारी के साथ किया गया.

हालांकि शुरुआत में यही पुलिस इस थ्योरी पर भी काम कर ही थी कि लुटेरों के कुछ गिरोह भी शोभित का कत्ल कर सकते हैं, पर क्योंकि शोभित से कुछ लूटा नहीं गया लिहाजा पुलिस ने अपनी इस थ्योरी को खुद ही गिरा दिया. वारदात के बाद शोभित की शर्ट फटी हुई थी और उसके जिस्म पर चाकुओं के अलावा भी चोट के निशान मिले हैं, यानी उसके साथ हाथापाई भी हुई. दिल्ली पुलिस ड्रग्स माफिया के एंगल से भी इस मामले की जांच कर रही है क्योंकि फेसबुक पर शोभित के प्रोफाइल में भी ऐसी कई बातें हैं जो रहस्य के पर्दे में है. उसके पर्सनल वेबसाइट पर वैक्स्ड डॉट कॉम, फेक मेल डॉट नेट हैकर्ज पीडिया डॉट काम जैसी वेबसाइट के डिटेल्स भी मौजूद हैं. लेकिन अभी भी पुलिस केस की पहेली को सुलझाने में नाकाम रही है.

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