छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से अपहृत कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन की रिहाई में मध्यस्थता करने के लिए माओवादियों ने टीम अन्ना के सदस्य एवं वकील प्रशांत भूषण समेत तीन लोगों के नाम का प्रस्ताव रखा है. वहीं उन्होंने कलेक्टर का स्वास्थ्य ‘बेहद खराब’ होने की बात कही है.
छत्तीसगढ़ में संवाददाताओं को भेजे गए ई.मेल संदेश में माओवादियों ने सरकार के साथ मध्यस्थता करने के लिए तीन लोगों के नाम भूतपूर्व अनुसूचित जनजाति आयुक्त बी.डी. शर्मा, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रशांत भूषण और आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम के नाम का प्रस्ताव रखा है.
माओवादियों ने अपने संदेश में कलेक्टर की पत्नी आशा पाल मेनन, कलेक्टर के तमाम मित्रों व परिवार के सदस्यों तथा आई.ए.एस. अधिकारियों के संगठन से अपील की है कि एलेक्स पाल मेनन का स्वास्थ्य बहुत खराब है. उन्होंने मध्यस्थता करने वालों के साथ दवाईयां भेजने को कहा है.
उन्होंने कहा है कि शासन की ओर से किए जा रहे ‘डीले टैक्टिस’ एवं पुलिस गश्ती अभियान के चलते मेनन की जान को हानि होने पर शासन की ही पूरी जिम्मेदारी होगी.
माओवादियों ने कहा है कि केवल इन तीन लोगों को ही वे गांव ताड़िमेटला आने के लिए आमंत्रण दे रहे है. उन्होंने तीनों से आमंत्रण स्वीकार करने की अपील की है.
माओवादियों द्वारा इस प्रस्ताव के आने के बाद आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम और प्रशांत भूषण ने इस मामले में मध्यस्थता करने से इंकार कर दिया है. कुंजाम ने बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से इस बात की जानकारी मिली है और वे इस मामले में मध्यस्थता करने के इच्छुक नहीं है.
मध्यस्थता करने से मना करने के कारणों के बारे में पूछे गए सवाल पर कुंजाम ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए और उनकी पार्टी ने भी इस मामले में मध्यस्थता करने से मना किया है.
कुंजाम ने कहा कि वह चाहते हैं कि कलेक्टर की सुरक्षित रिहाई हो और इसके लिए वह बाहर से पूरी मदद करेंगे.
उधर टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने भी मध्यस्थता करने से इंकार कर दिया है. हालांकि प्रशांत भूषण ने कहा है कि नक्सलियों का कई मांग जायज हैं और सरकार को इसपर विचार करना चाहिए.
इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मसले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में राज्य के सभी दलों ने एक साझा अपील जारी कर सुकमा जिले के कलेक्टर को सुरक्षित रिहा करने की मांग की है. वही मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि सरकार इस मसले के हल के लिए बातचीत को तैयार है.
छत्तीसगढ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के केरलापाल क्षेत्र के माझीपारा गांव में नक्सलियों ने शनिवार शाम सुकमा जिले के कलेक्टर तथा वर्ष 2006 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एलेक्स पाल मेनन (32) वर्ष का अपहरण कर लिया तथा इस दौरान उनके दो अंगरक्षकों की हत्या कर दी थी. नक्सलियों ने इसके लिए 25 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने मेनन की रिहाई के लिए आंतरिक सुरक्षा विषय पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले इस उपसमिति में गृहमंत्री ननकी राम कंवर आदिमजाति कल्याण मंत्री केदार कश्यप जल संसाधन मंत्री राम विचार नेताम तथा स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल शामिल हैं. जिला अधिकारी की पत्नी आशा मेनन ने नक्सलियों से अपने पति को सुरक्षित रिहा करने का अनुरोध किया है.
आशा मेनन ने कहा है कि उनके पति की तबीयत ठीक नही है और उनके पास दवाई भी नही है. नक्सली मानवता के नाते उनके पति को सुरक्षित रिहा कर दें.
वहीं, राज्य में आईएएस एसोसिएशन, विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिकों ने जिला अधिकारी की सुरक्षित रिहाई की मांग की है. मेनन के अपहरण के विरोध में रविवार को सुकमा जिले में बंद की घोषणा की गई थी तथा छात्रों और आम लोगों ने शांति मार्च का भी आयोजन किया था.